देश में हाल ही में एक नया सर्वे किया गया है जिसके मुताबिक यूपी में पिछले 15 साल में उच्चतम नामांकन दर 97.1 प्रतिशित पहुंच गया है. यह रिपोर्ट एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) 2022 ने जारी किया है जो स्कूल लर्निग के बारे में सर्वे करती है. यूपी के सरकारी स्कूलों में एक महत्तवपूर्ण बदलाव नजर आये है. जहां 2018 में 44.3 प्रतिशत था वही यह बढ़कर 59.6 प्रतिशत हो गया. यह बढ़ोत्तरी करीब 15 प्रतिशत है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह 7 प्रतिशत ही है.
ASER ने बताया कि प्राइवेट स्कूल में नमांकन में बड़ी गिरावट नजर आई है. जहां 2018 में यह 49.7 प्रतिशत था वो अब गिरकर 2022 में 36.4 प्रतिशत हो गया है. हलांकि स्कूल में उपस्थिति आज भी एक समस्या बना हुआ है. एक और सरकारी स्कूल में 56.2 प्रतिशत है वही प्राइवेट स्कूल में यह 59.9 प्रतिशत था 2018 के आकंड़ो के मुताबिक. सर्वे में पाया गया कि शिक्षकों के उपस्थिति में भी काफी गिरावट नजर आई है. 2018 में यह 85.6 प्रतिशत था लेकिन 2022 के आकंड़ो के मुताबिक यह गिरकर 79.8 प्रतिशत रह गया है. वही 2010 के सर्वे के मुताबिक यह 80.4 प्रतिशत था.
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स्कूल एजूकेशन के डीजी विजय किरण आनंद ने कहा कि स्कूल चलो अभियान ने प्राइवेट से सरकारी में बच्चों के स्थानांनतरण में सहायता की. निपुण भारत मिशन ने बच्चों के स्कूल लर्निंग को पाठ योजना आधारित शिक्षा बनाया. हम स्कूलों में बहुत जल्द टेबलेट बांटने का काम करेंगे जिससे स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी. कक्षा 3,5 और 8 के बच्चों में पढ़ने के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है वही 3,5, और 8 वर्ग के बच्चों में गणना करने के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. वही बच्चों में इंग्लिस पढ़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. एक और 2016 में यह 18.6 प्रतिशत था लेकिन 2022 में यह बढ़कर 24.1 प्रतिशत हो गया.