आज स्वतंत्र भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का जन्मदिन है. वो साल 2007 से लेकर 2012 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रही. उनका जन्म 19 दिसम्बर 1934 को महाराष्ट्र के नाडगांव जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम पिता का नाम श्री नारायणराव पाटिल था. साड़ी और बड़ी सी बिंदी लगाने वाली यह साधारण पहनावे वाली महिला राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती थीं.
उन्होंने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढा़ई पूरी की थी. प्रतिभा पाटिल को आजादी के साठ साल बाद भारत की पहली राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ. वो भारत की 12वीं राष्ट्रपति बनी. 7 जुलाई 1965 में उन्होंने डॉ. देवीसिंह रणसिंह शेखावत से शादी रचा ली.
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राजनीतिक सफर-
प्रतिभा पाटिल ने पहली बार जलगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें सफलता मिली. इसके बाद वो चार बार इदलाबाद क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुनी गई. उन्होंने साल 1985-90 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में अपनी सेवा प्रदान की. वहीं साल 1991 में लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कारोबार की दिशा में किए ये काम
प्रतिभा पाटिल ने कारोबार में भी हाथ आजमाया. अमरावती, जलगांव, पुणे और मुंबई में कई स्कूल और कॉलेज उनका था. उनके परिवार का जलगांव में ग्रामीण छात्रों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज और मुकतैनगर में एक को-ऑपरेटिव चीनी फैक्ट्री था. इसके अलावा प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने प्रतिभा सहकारी महिला बैंक भी शुरू किया था, जिसका कामकाज रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी 2003 में लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद बंद हो गया.
इन विवादों में रहा नाम-
प्रतिभा पाटिल के साथ सबसे पहला विवाद तब जु़डा जब उन्होंने राजस्थान की एक सभा में कहा कि राजस्थान की महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए पर्दा प्रथा आरंभ हुई. इतिहासकारों ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए दावेदार प्रतिभा का इतिहास ज्ञान शून्य है. जबकि मुस्लिम लीग जैसे दलों ने भी इस बयान का विरोध किया. समाजवादी पार्टी ने कहा कि प्रतिभा पाटिल मुसलिम विरोधी विचारधारा रखती हैं. प्रतिभा दूसरे विवाद में तब घिरी जब उन्होंने एक धार्मिक संगठन की सभा में अपने गुरू की आत्मा के साथ कथित संवाद की बात कही. प्रतिभा के पति देवी सिंह शेखावत पर स्कूली शिक्षक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप है. उन पर हत्यारोपी अपने भाई को बचाने के लिए अपनी राजनीतिक पहुंच का पूरा पूरा इस्तेमाल किया.
मिले ये सम्मान-
प्रतिभा पाटिल को विभिन्न श्रेणियों में इससे पहले भी कई भारतीयों को यह पुरस्कार दिया गया है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, उद्योगपति रघुपत सिंघानिया, मुंबई में मैक्सिको के महावाणिज्य दूत रज्जू श्रॉफ और अन्य शामिल.
इसके अलावा 1 जून 2019 को भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया.
यह पुरुस्कार मेक्सिको के राजदूत मेल्बा प्रिआ ने पुणे के एमसीसीआईए भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पाटिल को प्रदान किया. प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी. इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था.
Source : News Nation Bureau