KVS Admission: अब सेंट्रल स्कूल में प्रवेश के लिए सांसद कोटा छोड़कर अन्य सभी कोटे समाप्त कर दिए गए हैं. एक सत्र में सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय (केवी) अधिकतम 10 बच्चों को प्रवेश दिला सकते हैं. केंद्र सरकार ने शिक्षा मंत्री को मिला 450 सीटों का कोटा भी छीन लिया है. शिक्षा मंत्रालय से कोटे से ज्यादा प्रवेश के सिफारिशी पत्र जारी होते थे. केवी में 2018-19 में प्रवेश के लिए आठ हजार से ज्यादा पत्र जारी हुए थे. शिक्षा मंत्री भी अब अपने लोकसभा क्षेत्र में सिर्फ 10 बच्चों के दाखिले के लिए सिफारिशी पत्र जारी कर सकेंगे.
गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए कई सिफारिशें हैं. यूपीए के शासन काल में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री और सांसदों का कोटा खत्म कर दिया गया था, लेकिन सरकार के कदम के विरोध के बाद सांसदों का कोटा बहाल कर दिया गया था. हालांकि, बाद में मंत्री को उपलब्ध कोटा भी बहाल कर दिया गया. केवी में दाखिले का कोटा पहले 6 सीटों का हुआ करता था, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 कर दिया गया है. साथ ही शिक्षा मंत्री मंत्रालय से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर दाखिले की सिफारिश कर सकते थे.
सूत्रों के अनुसार, सांसदों को इस फैसले की जानकारी दी जा रही है, ताकि वह 10 बच्चों के अलावा और किसी अन्य बच्चे के एडमिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय में सिफारिश न भेजें. सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में आने वाले केंद्रीय विद्यालयों में ज्यादा-से-ज्यादा 10 बच्चों के दाखिले की सिफारिश कर सकते हैं. इसी तरह राज्यसभा सांसद भी अपने राज्य के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम 10 बच्चों का प्रवेश करा सकते हैं.
यूपीए-2 सरकार में 2010 में जब कपिल सिब्बल एचआरडी मिनिस्टर थे उस समय उन्होंने दाखिले में मिनिस्टर का कोटा और सांसदों का कोटा समाप्त कर दिया था. इसके बाद सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर विरोध किया था. 2 माह के अंदर यह फैसला सरकार को वापस लेना पड़ा. आपको बता दें कि भारत में 1,242 केंद्रीय विद्यालय (केवी) हैं. कक्षा-I में प्रवेश एससी के लिए 15 फीसदी, एसटी के लिए 7.5 फीसदी और ओबीसी के लिए 27 फीसदी के कोटा द्वारा शासित होते हैं. इसके साथ ही आरक्षण कोटे का 3 फीसदी विकलांग उम्मीदवारों को आवंटित किया गया है.
Source : News Nation Bureau