Advertisment

बच्चों को करने दें ऑनलाइन सेल्फ स्टडी, सीखने-समझने के बीच दूरी होती है खत्म

आज के दौर में छात्रों के बीच ऑनलाइन शिक्षा एक अनोखा मंच बन कर उभर रहा है, जिसने किसी भी विषय को सीखने और समझने के बीच की दूरी को खत्म करने का कुछ हद तक प्रयास किया है।

author-image
Sonam Kanojia
एडिट
New Update
बच्चों को करने दें ऑनलाइन सेल्फ स्टडी, सीखने-समझने के बीच दूरी होती है खत्म

फाइल फोटो

Advertisment

आज के दौर में छात्रों के बीच ऑनलाइन शिक्षा एक अनोखा मंच बन कर उभर रहा है, जिसने किसी भी विषय को सीखने और समझने के बीच की दूरी को खत्म करने का कुछ हद तक प्रयास किया है। ऑनलाइन शिक्षा मंच सेल्फ स्टडी पढ़ाई के इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आया है। सेल्फ स्टडी के सीईओ प्रसेनजीत सिंह ने कहा, 'अगर कोई भी छात्र ठान ले तो मुश्किल से मुश्किल परीक्षा भी असानी से पास की जा सकती है। सेल्फस्टडी किसी भी छोटे से छोटे कॉन्सेप्ट को समझाने के लिए एनिमेटेड और इंटरैक्टिव वीडियो, इन्फोग्रफिक फ्लैश चार्ट्स का इस्तेमाल करता है।'

प्रसेनजीत सिंह ने कहा, 'सेल्फ स्टडी आकर्षक थ्योरी और उनके समाधान भी देती है जिससे बच्चों को कॉन्सेप्ट समझने में आसानी हो जाती है। सेल्फ स्टडी क्वेश्चन बैंक और टेस्ट सीरीज भी प्रदान करते हैं जिससे बच्चों को परीक्षा की तैयारी करने में आसानी होती है। इसके जरिये घर बैठे आपको मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है क्योंकि यह व्यक्तिगत फीडबैक भी प्रदान करता है। इस ऐप को कोई भी छात्र प्लेस्टोर द्वारा किसी भी मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप इत्यादि गैजेट पर डाउनलोड कर सकता है।'

ये भी पढ़ें: कॉन्स्टेबल के 54000 पदों के लिए निकली वैकेंसी, ऐसे करें अप्लाई

उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी ऐप को आठवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चे और इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी कर रहे बच्चे इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका एडॉप्टिव प्लेटफॉर्म कंपेटेंसी मॉडल पर आधारित है जिसका फोकस कॉन्सेप्ट्स की गहराई में जाना है।

प्रसेनजीत ने कहा कि सेल्फ स्टडी बच्चों के विचारों और कल्पनाओं की नई उड़ान भरने में मदद कर रहा है, सेल्फ स्टडी पर बच्चे पढ़ाई प्रेशर के साथ न करके मौज मस्ती के साथ कर सकते हैं। यह बच्चों में खुद से पढ़ने की आदत को बढ़ावा दे रहा है। इससे स्कूल और कोचिंग में जो बातें रह जाती हैं उन्हें बच्चे नए और इंटरैक्टिव तरीके से सीख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी पहले सात दिनों तक के लिए सभी अध्ययन सामग्री बच्चों को मुफ्त देता है, जिसके बाद प्लेटफॉर्म में कुछ चीजों की एक्सेस सीमित हो जाती है। इसका सब्सक्रिप्शन अलग-अलग मूल्य सीमाओं में 200 रुपये प्रतिमाह से लेकर 1500 रुपये प्रतिमाह में उपलब्ध है।

ये भी पढ़ें: केरल में जलस्तर घटने पर महामारी का खतरा, भूलकर भी न करें ये गलतियां

उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी का मौजूदा प्रोडक्ट इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की तैयारी कर रहे तकरीबन 50 लाख बच्चों की सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।

इन सभी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग न सिर्फ बच्चों के लिए सीमित रखा गया है बल्कि इन तकनीक के द्वारा अभिभावकों को भी अपने बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन से जुड़ी जरूरी जानकारी से सशक्त करने की कोशिश की गई है, साथ ही सेल्फस्टडी यह भी सुनिश्चित करता है कि एक बच्चे के प्रदर्शन को उस की क्षमता के अनुसार उसके प्रयासों से मापा जाए।

Source : IANS

Self study latest research
Advertisment
Advertisment
Advertisment