राजस्थान : फीस नहीं भरने पर बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे स्कूल

राजस्थान में स्कूल फीस का भुगतान न करने पर अभिभावकों और छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से रोककर और उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से हटाकर परेशान कर रहे हैं और राज्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Students

राजस्थान : फीस नहीं भरने पर बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे स्कूल( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

कोविड-19 महामारी के बीच, जब शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन पूरा कराने के प्रयास कर रहे हैं, वहीं राजस्थान में स्कूल फीस का भुगतान न करने पर अभिभावकों और छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से रोककर और उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से हटाकर परेशान कर रहे हैं और राज्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं. राज्य सरकार ने सात जुलाई के एक आदेश में कहा था कि किसी भी स्कूल को तब तक ट्यूशन फीस के भुगतान की मांग नहीं करनी चाहिए जब तक कि वे कोविड-19 के कारण बंद हैं और किसी भी छात्र को इस पर शिक्षा प्राप्त करने से मना नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, कई स्कूल इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं, और अभिभावकों को कॉल कर रहे हैं और फीस के मुद्दे पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

'ऑल राजस्थान प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स फोरम' के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि कई अभिभावक शिकायत करने के लिए उनके पास पहुंचे कि कैसे स्कूल क्लास के व्हाट्सएप ग्रुपों और ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को ड्रॉप करके उन्हें परेशान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "रॉयन इंटरनेशनल स्कूल ने कई छात्रों को ड्रॉप कर दिया है, क्योंकि उनके माता-पिता इस कठिन समय के दौरान फीस का भुगतान नहीं कर सकते हैं. छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने से भी रोका जा रहा है."

जब रॉयन इंटरनेशनल स्कूल से बात की, तो प्रवेश प्रभारी शैरॉन ने कहा, "हमने उन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने पिछले साल की फीस का भुगतान नहीं किया था. चूंकि स्कूल के अन्य स्टाफ उपलब्ध नहीं हैं, लिहाजा मैं केवल इस छोटी सी जानकारी को साझा कर सकती हूं." लेकिन यादव ने कहा कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के संबंध में कार्रवाई की गई है.

कई अभिभावकों ने स्कूल पर राज्य सरकार के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाली कहानियों को साझा किया. एक छात्र के पिता ललित शर्मा ने कहा कि सरकार को या तो इस शैक्षणिक सत्र को 'जीरो ईयर' या ऑनलाइन वर्ष घोषित करना चाहिए और उसके अनुसार शुल्क निर्धारित करना चाहिए.

एक अन्य प्रमुख स्कूल, जयश्री पेरिवाल स्कूल के पैरेंटस ग्रुप ने ट्वीट किया, "बच्चों को यह याद नहीं है कि आपने उन्हें क्या सिखाया है, उन्हें केवल यह याद है कि आपने उन्हें और उनके माता-पिता को कठिन परिस्थितियों में क्या महसूस कराया."

जयश्री इंटरनेशनल स्कूल के एक छात्र के पिता लोकेश मुरलीधर ने कहा कि स्कूल की फीस अधिक है. प्राथमिक के लिए लगभग तीन लाख रुपये, मिडल के लिए छह लाख रुपये और सीनियर स्कूल के लिए 10-12 लाख रुपये फीस है. मुरलीधर के अनुसार, माता-पिता ने एक समिति बनाने और स्कूल प्रबंधन को कानूनी नोटिस भेजने का फैसला किया है.

जब इस मामले को राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट साझा करने के लिए कहा. उन्होंने मामले को जल्द से जल्द देखने का वादा किया.

Source : IANS

education rajasthan schools student Tuition Fee Children Education
Advertisment
Advertisment
Advertisment