उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन अवधि का परिवहन शुल्क नहीं वसूल सकेंगे स्कूल: दिनेश शर्मा

दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी स्कूलों को तिमाही की जगह मासिक शुल्क लेने को कहा गया है. इसका आदेश पहले ही जारी कर दिया गया है.

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Sushil Kumar
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Dinesh Sharma

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Coronavirus (Covid-19) : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा ने कहा है कि निजी स्कूल लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में अभिभावकों से कोई ट्रांसपोर्टेशन शुल्क नहीं वसूल सकेंगे. डॉ़ शर्मा ने शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि इस समय स्कूलों में बस या ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) सेवा का उपयोग नहीं हो रहा है. इसलिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से ट्रांसपोर्टेशन शुल्क (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) नहीं ले सकते. उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों को तिमाही की जगह मासिक शुल्क लेने को कहा गया है. इसका आदेश पहले ही जारी कर दिया गया है.

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स्कूल शासन की अनुमति के बिना शुल्क नहीं बढ़ा सकते

शिक्षामंत्री ने कहा कि राज्य में निजी स्कूलों की फीस में बढ़ोतरी की प्रक्रिया तय करने के लिए कानून बना है. कोई भी स्कूल शासन की अनुमति के बिना शुल्क नहीं बढ़ा सकते. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी शिक्षक का वेतन न रोका जाए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शुल्क न जमा होने की हालत में किसी भी विद्यार्थी को न तो ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित किया जा सकता है और ना ही किसी का नाम काटा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अवधि में स्कूलों को फीस स्थगित करने के निर्देश हैं. अप्रैल, मई और जून की फीस को बाद में समायोजित किया जाएगा.

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20 से खुलेंगे सरकारी कार्यालय

कोरोना वायरस (Corona Virus) से बचाने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) कारण बंद सरकारी कार्यालय 20 अप्रैल से खुल जाएंगे. सरकारी कार्यालयों के खुलने से पहले प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. दिशा-निर्देश में बताया गया है कि सरकारी कार्यालयों में किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी जाए, जिसका सरकारी कामकाज पर असर भी न पड़े. मुख्य सचिव की तरफ से जारी निर्देशों के मुताबिक, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और समूह क और ख के सभी अधिकारी कार्यालय आएंगे. वहीं समूह ग और घ के कर्मचारियों के लिए रोस्टर तैयार किया जाएगा. इन समूह के 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी.

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