केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए स्कूलों को फिर से खोले जाने के अपने संशोधित दिशा-निर्देशों को जारी कर दिया है. ये दिशा-निर्देश सलाह के तौर हैं और स्कूलों को शारीरिक कक्षाओं के लिए बच्चों के माता-पिता से सहमति मांगना राज्य सरकारों पर निर्भर करता है. इन दिशा-निर्देशों में एहतियात, टाइम टेबल, मूल्यांकन, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य शामिल होंगे. शिक्षा मंत्री की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन ने कहा, हम इन दिशा-निर्देशों को साझा करते हैं, जो सलाह के तौर पर हैं. राज्य सरकार अपने स्वयं के दिशा-निर्देश बनाने के लिए स्वतंत्र हैं. इनमें कक्षाओं में भाग लेने के लिए सभी मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी शामिल हैं. छात्र ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प चुन सकते हैं.
दो भागों में दिए दिशा-निर्देश
ये दिशा-निर्देश दो भागों में तैयार किए गए हैं. पहला भाग स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा पहलुओं पर चिंताओं को साझा करता है, जबकि दूसरा भाग सामाजिक दूरी के साथ सीखने से संबंधित है. सुश्री चांगसन ने कहा, ये दिशा-निर्देश सलाह के तौर हैं और हमने सभी हितधारकों के साथ साझा किया है और उन्हें जरूरत के अनुसार इसे अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं और नौ में बंद हैं. इन दिशा-निर्देशों में स्कूलों में उचित सफाई और स्वच्छता सुविधाओं को सुनिश्चित करने और निगरानी करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही सीटिंग प्लान में छात्रों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है. स्टाफ रूम, ऑफिस एरिया, असेंबली हॉल और अन्य कॉमन एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
यह भी पढ़ेंः पुणे में देर रात बड़ा हादसा, निर्माणाधीन मॉल की स्लैब गिरने से 7 मजदूरों की मौत
ऐसा कार्यक्रम नहीं हो, जहां सोशल डिस्टेंसिंग न हो सके
इसमें कहा गया है कि स्कूल ऐसे कोई भी कार्यक्रम न करें जहां सोशल डिस्टेंसिंग संभव न हो. सभी छात्रों और कर्मचारियों से फेस मास्क पहनने की अपील की गई और यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री पोषण कार्यक्रम के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत है. डॉ वी. पॉल, नीति आयोग (स्वास्थ्य सदस्य) ने कहा, स्कूलों को फिर से खोलना चिंता का विषय रहा है और समय-समय पर व्यापक सलाह जारी की गई है. स्कूलों को फिर से खोलने का अंतिम निर्णय राज्यों पर है. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि स्कूल एसओपी के अनुसार खुलें, क्योंकि हम अभी भी एक महामारी के दौर में हैं और एसओपी लागू करके हम सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. उन्होंने कहा, देश में सभी को इस बात की चिंता है कि लगातार स्कूलों को बंद रखने से बच्चों में सीखने की प्रक्रिया में हानि हो रही है और स्कूलों को जल्द से जल्द उपयुक्त समय पर फिर से खोलना चाहिए. हमने महामारी पर नियंत्रण की दिशा में अब एक लंबा सफर तय किया है और शिक्षकों को टीका लगाया गया है, लेकिन हमें अभी भी एसओपी का पालन करना है.
HIGHLIGHTS
- 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं और नौ में बंद
- राज्य सरकार अपने स्तर पर लें स्कूल खोलने का निर्णय
- नए दिशा-निर्देशों में कोरोना गाइडलाइन को मानने की बात