उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में लगातार दूसरे साल भी कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कोई परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी. महामारी के कारण राज्य सरकार ने कक्षा 8वीं तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षाओं में दाखिला देने का निर्णय लिया है. इसके लिए उनका मूल्यांकन पूरे शैक्षणिक सत्र में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले साल 2020 में भी 8वीं तक के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही अगली कक्षाओं में प्रवेश दे दिया गया था.
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लगभग पूरे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित रही और फिर पिछले साल जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई थीं. लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम नहीं थे. 10 फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की और 1 मार्च से पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं.
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शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा, "हम कक्षा 8वीं तक के बच्चों के लिए 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम चला रहे हैं. इसके आधार पर ही छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा."
HIGHLIGHTS
- यूपी में सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों की नहीं होंगी परीक्षाएं.
- सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम नहीं थे.
- 10 फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की और 1 मार्च से पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं.