भारत में क्लास वन से 12 तक के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर नए सिरे से तैयार करने का फैसला लिया गया है. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने चार विभिन्न सेक्टर में पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए राज्यों से कहा है. पाठ्यक्रम को लेकर राज्यों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करने के बाद राष्ट्रीय करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) तय किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम को जिला स्तर पर मिलने वाले इनपुट के आधार पर तैयार किया जाएगा. इस हफ्ते की शुरुआत में शिक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति (एजुकेशन) को बताया कि पाठ्यक्रम डवलपमेंट फ्रेमवर्क टॉप टू डाउन प्रैक्टिस नहीं होगा. इसे लागू करने से पहले राज्यों का पाठ्यक्रम आने के बाद जिला स्तर पर भी परामर्श किया जाएगा.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एजुकेशन की संसदीय समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे की मानें तो पैनल इसको लेकर अपनी रिपोर्ट जुलाई के अंत तक सौंपेगा. विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे का मानना है कि किताबें बड़ी न हों और इतिहास, भूगोल साहित्य जैसे विषयों में क्षेत्रीय फ्लेवर लाया जाए. समिति के अध्यक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुसार पहचाने गए क्षेत्रों या विषयों में पोजीशन पेपर राज्य पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एससीएफ) का आधार होंगे. जिसके बाद इसके आधार पर एनसीएफ डेवलप किया जाएगा.
विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे कहते हैं कि उनका व्यक्तिगत यह मानना है कि छात्रों से भी इस बारे में फीडबैक लिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास, भूगोल और साहित्य के सिलेबस में स्थानीय चीजों को शामिल किया जाना चाहिए. विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे कहते हैं कि इतिहास के विषय में 17 पाठ प्राचीन इतिहास से हैं तो तीन पाठ स्थानीय इतिहास से भी जुड़े होने चाहिए. यह सिर्फ इतिहास ही नहीं, भूगोल और साहित्य के लिए भी ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने पाठ्यक्रम के लिए लोकल कंटेंट के शामिल करने की बात कही.
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चार एनसीएफ डेवलप किए जाएंगे
स्टेट फोकस ग्रुप के पोजीशन पेपर के लिए दिशा-निर्देश और प्रस्तावित टेंपलेट के मुताबिक, चार नेशनल करिक्यलम फ्रेमवर्क(एनसीएफ) विकसित किए जाएंगे, जिनमें अर्ली चाइल्डहुड एंड एजुकेशन, स्कूल एजुकेशन, टीचर एजुकेशन और एडल्ट एजुकेशन हैं. राज्यों को हर एनसीएफ के लिए पहले एनईपी में पोजीशन पेपर के आधार पर अपना एससीएफ तैयार करना है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य एनईपी की कुछ चिंताएं दूर करना है. सभी पोजीशन पेपर में दो सेक्शन दिए जाएंगे, जिसमें से पहला सेक्शन सभी फोकस ग्रुप पेपर्स के लिए सामान्य होगा तो दूसरे सेक्शन में पोजीशन पेपर की विशिष्ट विशेषताएं होंगी.