उत्तर प्रदेश के प्राथमिक सरकारी स्कूल 1 मार्च से बच्चों का स्वागत करने के लिए कमर कस रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कक्षा 1 से 5 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश दिया है. महामारी के कारण एक साल के विराम के बाद स्कूलों के फिर से खुलने के पहले दिन छात्रों का स्वागत करने के लिए रंग-बिरंगे गुब्बारों, फूलों और त्योहारों से स्कूलों को सजाने की तैयारी जोरों पर चल रही है. बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को ऐसा माहौल बनाने के लिए निर्देशित किया है जो छात्रों को कक्षाओं में लौटने के लिए प्रोत्साहित करे.
जो छात्र लगभग एक साल से स्कूल से दूर हैं और इस अवधि के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे हैं, जब वे अपने स्कूल आएंगे तो कई आश्चर्यजनक बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं. कक्षाओं और गेटों की रंगीन सजावट के अलावा छात्रों को कोरोना की वैक्सीन भी लगाई जाएगी.
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लखनऊ बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) दिनेश कुमार के अनुसार, शिक्षकों को उत्सव का माहौल बनाने के लिए स्कूलों को सजाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चे लंबे अंतराल के कारण स्कूल परिसर में फिर से प्रवेश करने में संकोच न करें.
स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित पेयजल की भी व्यवस्था की जा रही है. स्कूलों को इस उद्देश्य के लिए सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए निर्देशित किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित डेढ़ लाख स्कूलों में 1.83 करोड़ से अधिक छात्र पढ़ते हैं.
इसके अलावा, योगी आदित्यनाथ की पहल पर कोविड-19 महामारी के दौरान एक लाख से अधिक स्कूलों में पहले ही बदलाव हो चुका है. स्कूलों को रंगीन चित्रों और सार्थक स्लोगन से सजाया गया है. स्मार्ट कक्षाओं और पुस्तकालयों के लिए स्कूलों को सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है.
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वहीं प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2020-21 में विद्यालयों में 'स्कूल चलो अभियान' के तहत लगभग 1.85 करोड़ बच्चों का नामांकन कराया जा चुका है. सभी परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्वेटर दिया जा रहा है. ताकि वो आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रह जाएं.
गुणवत्तापरक शिक्षा के संकल्प को सिद्ध करते हुए योगी सरकार ने लगभग 1.20 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती की है. परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को तकनीक आधारित शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग पांच हजार स्मार्ट क्लास प्रदेश में बनाए गए हैं. ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प करते हुए इन सभी को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है.
इसके अलावा राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कुल 1,151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के जरिए 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है. कोरोना काल में शैक्षिक गतिविधियों के संचालन के लिए योगी सरकार ने मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के वृहद् कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. जिसमें डिजिटल व अन्य संचार के माध्यमों से बच्चों को शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है. जिसके तहत दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, व्हाट्सएप क्लासेज व मिशन प्रेरणा यू-ट्यूब चैनल शामिल हैं. शैक्षिक सत्र 2020- 21 में व्हाट्सएप वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. जिनके तहत शिक्षकों व छात्र छात्राओं के 29.06 लाख ग्रुप बनाए गए हैं जिससे अब तक 67.73 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं.
Source : News Nation Bureau