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राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए सख्त नियम, संदिग्ध कैंडिडेट्स की आयोग करेगा जांच

राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) लगातार नए कदम उठा रहे हैं.

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Priya Gupta
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Rajasthan commission

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राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) लगातार नए कदम उठा रहे हैं. इन उपायों का मुख्य उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक देना और फर्जी या डमी उम्मीदवारों पर सख्त कार्रवाई करना है. इसी क्रम में राजस्थान लोक सेवा आयोग ने परीक्षा में संदिग्ध माने जाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ विशेष रणनीति बनाई है.  

थर्ड डिवीजन वाले अभ्यर्थियों पर कड़ी नजर  

RPSC ने यह तय किया है कि अब उन उम्मीदवारों की पहचान की जाएगी, जिन्होंने 10वीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) तक लगातार थर्ड डिवीजन में अंक प्राप्त किए हैं. इन अभ्यर्थियों को संदिग्ध मानते हुए उनकी गहन जांच की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यदि कोई उम्मीदवार शैक्षणिक जीवन में कमजोर रहा है, तो यह समझना जरूरी है कि उसने प्रतियोगी परीक्षाओं में अचानक कैसे सफलता प्राप्त की.

संदिग्ध अभ्यर्थियों के लिए नई प्रक्रिया

अभ्यर्थियों के 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के रिकॉर्ड की डिटेल्स जांच होगी. उनकी शैक्षणिक योग्यता और प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा.  अगर कोई उम्मीदवार शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर संदिग्ध पाया जाता है, तो उसकी गहन जांच की जाएगी.  

उच्च स्तरीय समिति करेगी वेरिफिकेशन

RPSC ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि संदिग्ध अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों की जांच उच्च स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी. हर वेरिफिकेशन दल में 4 अधिकारी शामिल होंगे.इनमें 2 राजपत्रित अधिकारी और 2 अराजपत्रित अधिकारी होंगे. सत्यापन के दौरान इन दस्तावेजों की स्पेशल जांच की जाएगी. जैसे शैक्षणिक प्रमाणपत्र (डिग्री, डिप्लोमा, अंकतालिकाएं), खेल सर्टिफिकेट, पीडब्लूडी सर्टिफिकेट, जाति सर्टिफिकेट. खेल और दिव्यांगता से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट पर स्पेशल ध्यान दिया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सक.  

पारदर्शिता के लिए सख्त कदम

इस प्रक्रिया का उद्देश्य योग्य और मेहनती उम्मीदवारों को उनका हक दिलाना है. फर्जी डिग्री और नकली डॉक्यूमेंट के आधार पर सरकारी नौकरी पाने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी नौकरियों में केवल वे लोग चुने जाएं जो वास्तव में इसके हकदार हैं.

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