Success Story: यह कहानी है दीपा भाटी की, जिन्होंने न केवल अपने तीन बच्चों की परवरिश की, बल्कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस परीक्षा 2021 पास करके सबको हैरान कर दिया. यह उदाहरण उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो जिम्मेदारियों का बोझ उठाने के बाद अपनी उम्मीदें खो बैठते हैं. दीपा भाटी ने यह साबित किया कि अगर मन में मजबूत इरादा हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.
दीपा भाटी नोएडा के कोंडली बांगर गांव की रहने वाली हैं. जब उन्होंने यूपीपीएससी की पीसीएस 2021 परीक्षा पास की, तब उनकी शादी को 18 साल हो चुके थे और तीन बच्चे भी थे. बावजूद इसके, दीपा ने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल की. आज उनकी यह कहानी उन लोगों के लिए एक सबक है, जो खुद को जिम्मेदारियों में बंधा हुआ महसूस करते हैं और यह मान लेते हैं कि उनकी सफलता अब संभव नहीं है.
ऐसे हुई थी मेहनत की शुरुआत
दीपा ने अपनी कहानी में बताया कि वह गुर्जर समाज से आती हैं, जहां पर लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है. हालांकि, उनके मन में कुछ बड़ा करने का जज्बा पहले से था. उन्होंने बीएड की डिग्री हासिल की और एक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया. लेकिन एक दिन उनके गले में समस्या हो गई और डॉक्टर ने उन्हें बोलने से परहेज करने की सलाह दी. जब वह अपनी टीचर की नौकरी से हाथ धो बैठीं, तो वह काफी परेशान हो गईं. इस बीच उनके भाई ने उन्हें यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी. यह सुझाव दीपा के लिए एक नया लक्ष्य बन गया और उन्होंने इसे गंभीरता से लेना शुरू किया.
पढ़ाई में कठिनाई
दीपा ने बताया कि यह रास्ता बिल्कुल आसान नहीं था. घर का सारा काम करने के बाद, बच्चों को स्कूल भेजने के बाद, वह पढ़ाई में जुट जाती थीं. इसके साथ ही उन्हें समाज के ताने भी सुनने को मिलते थे, जैसे कि "अब इस उम्र में पढ़ाई का शौक जागा है?" लेकिन दीपा ने कभी हार नहीं मानी. उनके बच्चे भी कहते थे, “मां, दिनभर किताबों में घुसी रहती हो.”
दीपा ने पहली बार यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. वह कुछ नंबरों से पीछे रह गईं. दूसरी बार भी उन्हें असफलता मिली और उन्हें बहुत आलोचना का सामना करना पड़ा. लेकिन दीपा ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी.
सफलता की प्राप्ति
आखिरकार, तीसरी बार में दीपा ने यूपीपीएससी की पीसीएस 2021 परीक्षा में 166वीं रैंक हासिल की. इस सफलता के बाद उनका चयन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए हुआ. जब दीपा को यह सफलता मिली, तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं था. उस समय उनकी बड़ी बेटी 12वीं में, छोटी बेटी 9वीं में और बेटा यूकेजी में पढ़ाई कर रहा था.
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