Success Story: नक्सलवाद के नाम से ही लोगों के दिल दहल जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की एक बहादुर बेटी ने इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत और हौसले से एक नया इतिहास रच दिया. यह कहानी है आईपीएस अंकिता शर्मा की, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में दो बार असफलता के बावजूद अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और तीसरे प्रयास में सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ.आईपीएस अंकिता शर्मा का सफर एक सच्ची प्रेरणा है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहने वाली अंकिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने ग्रेजुएशन के साथ-साथ MBA किया.एमबीए के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की ठानी. दिल्ली में कुछ समय पढ़ाई की, लेकिन फिर वापस घर लौट आईं और वहीं से यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.
इन असफलताओं ने इन उनका हौसला नहीं तोड़ा
यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाती है. इसे पास करने के लिए सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि धैर्य और हार न मानने का जज्बा भी बहुत जरूरी होता है. अंकिता शर्मा ने अपनी यात्रा में यही सब गुण दिखाए. पहले प्रयास में वह मेन्स परीक्षा में 15 अंकों से चूक गईं, और दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स ही पास नहीं कर पाईं. लेकिन इन असफलताओं ने उनका हौसला नहीं तोड़ा. उन्होंने अपनी कमजोरियों पर ध्यान दिया और अपनी तैयारी को और बेहतर बनाया.
तीसरी बार में पास की परीक्षा
तीसरे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई. 2018 में, अंकिता शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में 1035 अंकों के साथ 203वीं रैंक हासिल की. इस सफलता के साथ, उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर में आईपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्ति प्राप्त की. यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण थी, बल्कि यह सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन गई.अंकिता शर्मा ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई प्रभावी अभियान चलाए हैं. उनकी बहादुरी और संघर्ष के किस्से देशभर में प्रसिद्ध हैं.
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