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Success Story: समोसे की दुकान चलाता था सनी, दिन में काम रात में पढ़ाई, अब बनेगा डॉक्टर, पढ़ें स्टोरी

नोएडा के रहने वाले सनी कुमार की कहानी इन दिनों काफी छाई हुई है. ये कहानी इसलिए भी इतनी खास है क्योंकि सनी ने वो कर दिखाया है जो अच्छे-अच्छे स्टूडेंट्स नहीं कर पाए. सनी की समोसे की दुकाना है.

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Priya Gupta
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Photo-Social Media

Success Story: नोएडा के रहने वाले सनी कुमार की कहानी इन दिनों काफी छाई हुई है. ये कहानी इसलिए भी इतनी खास है क्योंकि सनी ने वो कर दिखाया है जो अच्छे-अच्छे स्टूडेंट्स नहीं कर पाए. सनी की समोसे की दुकाना है.  शाम को गरम तेल में कुरकुरे समोसे बनाते थे और दूसरी ओर डॉक्टर बनने का सपना संजोए हुए थे. सनी ने समोसे बेचते हुए भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और नीट (NEET) की कठिन परीक्षा में 664 अंक प्राप्त कर अपनी मेहनत का साबित किया है. फिजिक्सवाला के संस्थापक अलख पांडे ने सनी की इस उपलब्धि को सोशल मीडिया पर  बताया है.  

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पढ़ाई और काम दोनों जरूरी थी

सनी कुमार ने अपनी कठिन परिस्थितियों के बावजूद NEET में शानदार सफलता प्राप्त की है. नीट परीक्षा पास करना इतना आसान काम भी नहीं है. आर्थिक समस्याओं और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद, सनी ने पढ़ाई और काम के बीच संतुलन बनाए रखा. सनी ने बताया कि उनकी मां और दोस्तों से मिली प्रेरणा ने उन्हें इस कठिन सफर में मदद की. उनका यह सफर उन छात्रों के लिए एक आशा की किरण है, जो मेडिकल फील्ड में सफलता पाने का सपना देखते हैं. 

दीवारों पर लगे हैं नोट्स

18 वर्षीय सनी कुमार ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी समोसे की दुकान भी संभाली. स्कूल की पढ़ाई के बाद वह अपनी दुकान चलाते और फिर रात को देर तक पढ़ाई करते. इस समर्पण और मेहनत के कारण सनी ने NEET की तैयारी फिजिक्सवाला के कोर्स के जरिए से की थी. उनके संघर्ष की कहानी को सोशल मीडिया पर खूब पढ़ी जा रही है.  साथ ही सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो है, जिसमें उनके कमरे की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिनकी दीवारों पर अध्ययन नोट्स लगे हुए हैं. 

सनी ने बताया कि उनकी मेहनत का सबसे बड़ा सबूत उनकी दीवारों पर लगे शॉर्ट नोट्स हैं, जिनमें सभी महत्वपूर्ण टॉपिक्स शामिल हैं. उनका कहना है कि कई बार वे रात भर पढ़ाई करते थे जब तक उनकी आंखों में दर्द नहीं हो जाता था. दर्द ठीक करने के बाद उन्होंने दवाईयों के बारे में जानने की कोशिश की और यह समझने की इच्छा जताई कि लोग कैसे ठीक होते हैं. यही कारण था कि उन्होंने बायोलॉजी विषय को चुना.

सनी ने यह भी बताया कि समोसे बेचना उनके भविष्य नहीं है. उनकी मेहनत और लगन को देखकर कोचिंग संस्थान ने उन्हें 6 लाख रुपये की स्कॉलरशिप देने की घोषणा की और मेडिकल कॉलेज की ट्यूशन फीस भी भरने का वादा किया है. सनी कुमार की इस कहानी ने यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.

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