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बचपन में गांव वालों का विरोध, शहर में किराए के घर में रह की पढ़ाई, आज हैं IAS

कहानी है बिहार की प्रिया रानी की, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 69वीं रैंक प्राप्त कर पूरे बिहार का नाम रोशन किया और आज सोशल मीडिया पर भी काफी फेमस हैं.

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Priya Gupta
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IAS Priya Rani

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Success Story IAS Priya Rani: बचपन में गांव वालों का विरोध, शहर में किराए के मकान में कठिनाई से गुजर-बसर और माता-पिता की मेहनत, इन सबके बावजूद, एक दिन ऐसा आया जब विरोध करने वाले भी खुशी से झूम उठे. यह प्रेरणादायक कहानी है बिहार की प्रिया रानी की, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 69वीं रैंक प्राप्त कर पूरे बिहार का नाम रोशन किया और आज सोशल मीडिया पर भी काफी फेमस हैं.

गांव से लेकर आईएएस तक का सफर

फुलवारी शरीफ के कुरकुरी गांव की निवासी प्रिया रानी ने अपनी कठिनाई भरा सफर तय किया.प्रिया की पढ़ाई को लेकर पहले गांव में विरोध हुआ था, लेकिन उनके दादा और पिता ने इस विरोध को दरकिनार करते हुए प्रिया को पढ़ाई के लिए पटना भेजा. उस समय गांव में बेटी की शिक्षा के खिलाफ धारणाएं थीं, लेकिन दादा की सख्ती और माता-पिता की मेहनत ने प्रिया को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

शहर में संघर्ष और सफलता

पटना में किराए के मकान में रहकर प्रिया ने अपनी पढ़ाई पूरी की. बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, प्रिया ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार मानने का नाम नहीं लिया. यूपीएससी के दूसरे प्रयास में उन्हें इंडियन डिफेंस सर्विस मिली, लेकिन आईएएस बनने का सपना बनाए रखा. तीसरे प्रयास में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में सफलता हासिल की.

सफलता का राज

प्रिया रानी ने अपनी सफलता का राज नियमित पढ़ाई और कठिन मेहनत को बताया. वह रोज सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करती थीं और एनसीईआरटी की किताबों और अखबारों के साथ-साथ इकोनॉमिक को मुख्य विषय बना कर तैयारी की. उनका कहना है कि शिक्षा ही जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है.उन्होंने युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने और कड़ी मेहनत करने की सलाह दी. प्रिया रानी की कहानी आज पूरे बिहार के लिए प्रेरणा का स्रोत है. 

समाज में बदलाव की जरूरत

प्रिया रानी का मानना है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं. समाज में लड़कियों को शिक्षा देना और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना बहुत जरूरी है. उनका संदेश है कि लड़कियों को आत्म-संयम और आत्म-विश्वास के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ना चाहिए. 

गांव में खुशी का माहौल

प्रिया रानी की सफलता ने उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी.गांव के लोग उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. एक समय जो लोग उनकी पढ़ाई का विरोध करते थे, उनकी सफलता के बाद वे भी खुशी से झूम उठे और इस उपलब्धि पर गर्वित महसूस कर रहे हैं.

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