Success Story: कहा जाता है कि अगर दिल से कुछ करने की चाह हो, तो हालात भी झुकने के लिए मजबूर हो जाते हैं. यह सच साबित किया है 19 साल के सज्जाद मेहराज ने, जिन्होंने अपने गांव में एक ब्रेड स्टॉल पर काम करते हुए NEET UG 2024 की परीक्षा पास की. उनका सफर कठिनाइयों से भरा था, लेकिन उनकी बड़ी बहन अफशाना की प्रेरणा ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने में मदद की. दोनों भाई-बहनों का सपना एक ही है. डॉक्टर बनकर अपने परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकालना.
NEET UG में 720 में से 650 अंक
सज्जाद मेहराज कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के काजियाबाद गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने NEET UG में अपने दूसरे प्रयास में 720 में से 650 अंक प्राप्त किए हैं और अब वे जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री प्राप्त करेंगे. सज्जाद के लिए NEET UG की परीक्षा पास करना आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें अपने गांव में ब्रेड स्टॉल पर रोजाना लगभग 7-8 घंटे काम करना पड़ता था. वे आटा गूंथने के दौरान भी अपनी कोचिंग के ऑनलाइन वीडियो देखते थे, जिसमें वे एक साथ 300 नान बनाते थे.
पिता की बीमारी और आर्थिक संकट
सज्जाद की बहन अफशाना श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सेकेंड ईयर की छात्रा हैं. सज्जाद का दिन सुबह 4 बजे शुरू होता है और वे शाम 7 बजे तक घर लौटते हैं. उन्होंने बताया कि जब वे क्लास 4 में थे, तब से ही वे अपने भाई के साथ जूते और क्रॉकरी का स्टॉल चलाते थे. लेकिन जब वे क्लास 8 में पहुंचे, तब उनके पिता की बीमारी ने परिवार की आर्थिक स्थिति को खराब कर दिया, जिससे उन्हें अपना नान का स्टॉल खोलना पड़ा. उन्होंने कक्षा 12वीं में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं.
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