Sex Education in India: भारत में रेप की घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती रहती है. इस मामले में तो कई बार आरोपी को सजा भी नहीं मिल जाती है. छोटी-छोटी बच्चियों के साथ होने वाले ये घिनौने वारदात अब कहीं बाहर नहीं घर पर भी सुनने को मिलते हैं. आंकड़ों की बात करें तो NCRB कि रिपोर्ट में महिलाओं के प्रति होने वाले क्राइम ये बताते हैं कि साल 2022 में 4,45,256 केस सामने आए थे. जिसका मतलब ये है कि हर 1 घंटे में 51 महिलाओं के साथ क्राइम हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेक्स एजुकेशन जरूरी है
हालांकि इन आंकड़ों में कितना सुधार आया है ये बात की बात है लेकिन इन घटनाओं की वजह से देश की सर्वोच्च अदालत ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर फैसला सुनाते हुए बहुत ही जरूरी बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेक्स एजुकेशन को वेस्टर्न कॉन्सेप्ट मानना गलत है. इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती. इसलिए भारत में इसकी शिक्षा बेहद जरूरी है.
इंटरनेट से युवाओं को मिल रही गलत जानकारी
कोर्ट ने कहा कि इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती है, इसलिए भारत में सेक्स की नॉलेज होना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि लोगों का मानना है कि सेक्स एजुकेशन भारतीय मूल्यों के खिलाफ है. इसी वजह से कई राज्यों में यौन शिक्षा को बैन कर दिया गया है. इसी विरोध की वजह से युवाओं को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसलिए युवा इंटरनेट से गलत जानकारी लेते हैं और फिर भ्रामक जानकारी फैसली है.
इससे पहले कई नेता इसका विरोध कर चुके हैं. डॉ हर्षवर्धन जो 2014 से 2019 के बीच हेल्थ मिनिस्टर रहे, उन्होंने कहा कि भारत के स्कूलों में सेक्स एजुकेशन की जगह योग कराया जाना चाहिए. उन्होंने सेक्स एजुकेशन को बैन तक करने की मांग की थी.
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