Teacher Day Essay: देश के पहले उपराष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. डॉ. राधाकृष्णन एक आदर्श शिक्षक थे और उनकी शिक्षण सेवाओं के लिए उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. 1962 से, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई. शिक्षक दिवस पर हर स्कूल में सेलिब्रेशन होता है. बच्चे अपने शिक्षकों के लिए तरह-तरह की तैयारियां करते हैं.कई तरह के प्रोगाम होते हैं. कोई डांस, सिंगिग तो कोई स्पीच देता है.शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन विद्यार्थियों द्वारा एक्टिविटी कराई जाती है. जैसे कि निबंध, भाषण, चित्रकला, और वाद-विवाद प्रतियोगिता.
ऐसे लिखे निंबध
देश के पहले उपराष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. 1962 से, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई. डॉ.शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे न केवल हमें ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन को सही दिशा और मार्गदर्शन भी देते हैं. वे अज्ञानता को दूर करने और हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की कोशिश करते है. शिक्षक हमारे भविष्य को ज्ञान की रोशनी से भरते हैं और जीवन के प्रत्येक मोड़ पर हमें कठिनाइयों से निपटने के लिए तैयार करते हैं.
शिक्षक दिवस पर छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए भाषण या कविता पढ़ते हैं. ये गतिविधियां शिक्षकों को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सराहती हैं और उनकी मेहनत का सम्मान करती हैं. साल भर की मेहनत और शिक्षण के प्रयासों को मान्यता देने के लिए यह एक खास दिन होता है. इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित कार्यक्रम न केवल शिक्षकों को सम्मानित करते हैं बल्कि छात्रों को भी उनके शिक्षकों की महत्ता का एहसास कराते हैं.
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