Gen z Dreams: भारत को युवाओं का देश कहा जाता है, ये युवा देश के भविष्य हैं, सोशल मीडिया के जमाने ने नए-नए शब्द इजात कर दिया है. साल दो हजार में पैदा होने वाले युवाओं को Gen Z पीढ़ी कहा जाता है, और इस पीढ़ी को सबसे अपडेट और पढ़ी-लिखी युवा कहा जाता है. ऐसे में इन युवाओं के कंधे पर ही देश की जिम्मेदारी है, लेकिन इन Gen Z का मूड क्या और कैसा है. इसकी जानकारी एक ताजा रिपोर्ट ने जारी की है, The Quest Report 2024" ने इस रिपोर्ट में बताया है कि ये युवा पीढ़ी अपने सपने और भविष्य को लेकर क्या सोचती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार में से एक युवा ऐसी नौकरियों की तरफ जा रहे हैं जो नई है आने वाले समय में अच्छा कर सकते हैं. जैसे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा, और कंटेंट क्रिएशन आदि.इनमें भारतीय युवाओं की बात करें तो भारत का युवा मेहनती हैं. हालांकि उन्हें पैसो की कमी और जेंडर में बराबरी जैसी समस्याओं को लेकर सामना कर पड़ रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 43% युवा इतने अपने सपनों को लेकर इतने फोकस हैं कि काम-काज और निजी ज़िंदगी के बीच तालमेल से कोई मतलब नहीं है.
तीन भागों में बांटा गया है इस रिपोर्ट को
जेन जेड क्वेस्टर्स के सपनों को पूरा करने की चाहत.
सपनों की राह में आने वाली चुनौतियां.
करियर के ऑप्शन.
91 प्रतिशत युवाओं ने माना कि एक साल का ईयर गैप उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगा. वहीं 25 प्रतिशत युवाओं को डेटा एनालिसिस, एआई, साइबर सुरक्षा, और कंटेंट क्रिएशन जैसी नौकरियां करना पसंद करेंगे. क्योंकि ये आने वाले समय की डिमांड है. 19% भारतीय युवा का मानना है कि बड़ी कंपनियों में करियर आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं. उनका मानना है कि बड़ी कंपनियों में ही ग्रोथ है. 46% युवाओं के लिए फिसांसियल समस्या के कारण उनके सपने अधूर रह जा रहे हैं. 8 में से 10 युवाओं को लगता है कि लड़का-लड़की में बराबरी न होना सबसे बड़ी चुनौती है. केवल 9 प्रतिशत युवा ही खुद का बिजनेस करना पसंद कर रहे हैं. 43 प्रतिशत युवा अपने करियर में सफल होने के लिए पर्सनल लाइफ को भी खराब कर ले रहे हैं. ग्लोबल लेवल पर ये आंकड़ा 46% है. 62 प्रतिशत युवा अपने शौक और हॉबी तक छोड़ देने को तैयार हैं.
इन सात देशों में किया गया सर्वे
ये रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, ब्राजील और भारत सहित सात देशों में किया गया है. इसमें रिसर्च में 20 से 24 वर्ष की उम्र वाले करीब 6,700 युवा शामिल थे.इनके बीच हुए सर्वे के आधार पर इस रिपोर्ट के तैयार किया गया है.जिसमें आमतौर पर 1995 और 2010 के बीच पैदा हुए युवाओं को शामिल किया गया है.
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