University Entrance Exam: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने यूनिवर्सिटी को यूजी और पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए अनुमति दे दी है. यूजीसी ने कहा है कि सीयूईटी से एडमिशन होने के बाद अगर सीटे बच जाती है तो यूनिवर्सिटी अपना एंट्रेंस एग्जाम करवा सकता है. यूजीसी के अधय्क्ष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि यदि काउंसलिंग के कई दौर और पात्रता मानदंडों में छूट के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो विश्वविद्यालय एसओपी के अनुसार उन्हें भरने के लिए अपने स्तर पर अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं.
यूजीसी ने जारी किया एसओपी
दस्तावेज में कहा गया है कि यूजीसी के जानकारी मिली है कि तीन या चार राउंड की काउंसलिंग के बाद भी कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सीटें खाली रह जाती हैं. पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटें खाली रखना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हायर स्टडी करने की इच्छा रखने वाले कई छात्रों को शिक्षा से वंचित करने जैसा है.इसलिए, सेंट्रल यूनिवर्सिटी को अपनी खाली सीटों को भरने में सुविधा प्रदान करने के लिए, आयोग की मंजूरी के लिए एसओपी तैयार किए गए हैं. यूजीसी ने ये भी कहा है कि (सीयूईटी) के नंबर मुख्य क्राइटेरिया होंगे.
ए़डमिशन के लिए छात्रों को मिलेगी कुछ चीजों में छूट
जो छात्र सीयूईटी में उपस्थित हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले संबंधित विश्वविद्यालय में कोर्सेज के लिए आवेदन किया हो या नहीं किया हो, उन पर भी विचार किया जा सकता है. यूजीसी ने ये भी सिफारिश की है कि सीयूईटी में शामिल होने वाले छात्रों को उन विषयों में एडमिशन पर भी विचार किया जा सकता है,जिस डोमेन विषय पेपर की परीक्षा नहीं दी थी.विश्वविद्यालय क्वालिफाइंग एग्जाम में प्राप्त अंकों के आधार पर भी छात्रों को प्रवेश दे सकता है. पूरी परीक्षा योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित होनी चाहिए.
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