जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बारह 12 शोधार्थियों को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) अवार्ड की गई है. जामिया कें इन रिसर्च छात्रों को फेलोशिप के अलावा 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी. 10 लाख रुपए की यह राशि रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए है. गौरतलब है कि बीते वर्षो के मुकाबले प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप कार्यक्रम में जामिया के चयनित छात्रों की संख्या दोगुनी हुई है.
जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के समन्वयक, प्रोफेसर अब्दुल कयूम अंसारी ने कहा कि इन शोधकर्ताओं को पहले दो वर्षों के लिए 70,000 रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 75,000 रुपये, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए 80,000 रुपये की फेलोशिप मिलेगी. इसके अलावा, प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के तहत प्रत्येक फेलो को प्रति वर्ष 2 लाख रुपये (पांच साल के लिए कुल 10 लाख रुपये) का शोध अनुदान भी मिलेगा.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि जामिया के इन शोधार्थियों को मई 2022 अभियान की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप मिली है. विश्वविद्यालय ने अपने पिछले प्रदर्शन में काफी सुधार किया है, क्योंकि 2021 में दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत केवल छह शोध विद्वानों को पीएमआरएफ के लिए चुना गया था.
मई 2022 अभियान के लिए चयनित छात्रों में नदीम अहमद, मोहम्मद आरिज, मोहम्मद मसूद की, गुलनाज तबस्सुम, आयशा ऐमान, सकीना मसरत, मुदासिर यूनिस सोफी, शाह मशीरुल आलम, शैली भारद्वाज, डॉ शमा परवीन, अब्दुस समद और नूहा अबीर खान शामिल हैं.
इस बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने जामिया के पीएमआरएफ समन्वयक, प्रो. अब्दुल कयूम अंसारी को बधाई दी और इस बड़ी उपलब्धि के लिए उनके प्रयासों की सराहना की.
सफल उम्मीदवारों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, जामिया उत्कृष्टता के लिए तत्पर है, और अपने छात्रों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह प्रदर्शन उच्च गुणवत्ता शोध पर विश्वविद्यालय के फोकस को दर्शाता है और मुझे विशेष रूप से खुशी है कि इन बारह में से छह छात्राएं हैं. मुझे उम्मीद है कि यह अन्य छात्रों को विशेष रूप से विश्वविद्यालय की छात्राओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा.
Source : IANS