इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) का नया कुलाधिपति बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आशीष चौहान को नियुक्त किया गया है. बुधवार को राष्ट्रपति और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विजिटर रामनाथ कोविंद ने पांच वर्ष के लिए कुलाधिपति की नियुक्ति की है. आशीष चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के संस्थापक सदस्यों की टीम में भी थे. वह 1992 से 2000 तक एनएसई में रहे थे. वर्ष 2000 से 2009 वह रिलायंस समूह के प्रेसिडेंट एवं मुख्य सूचना अधिकारी रह चुके हैं. शुरुआती वर्षों में वह आइपीएल क्रिकेट टीम मुंबई इंडियंस के सीईओ भी रहे.
बीएसई की स्थिति में सुधार लाने और बेहद सफल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) और मजबूत कारोबारी विस्तार का श्रेय आशीष चौहान को जाता है. 2009 में वह बीएसई के डिप्टी सीईओ बने थे. दो नवंबर 2012 को उन्हें पांच साल के लिए बीएसई का प्रबंध निदेशक एवं सीईओ बनाया गया था. इससे पहले एक्सचेंज के निदेशक मंडल ने दो नवंबर 2017 से एक नवंबर 2022 तक पांच साल के लिए चौहान के बीएसई के प्रबंध निदेशक व सीईओ पद पर फिर से नियुक्ति को अनुमति दी थी.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के संस्थापक सदस्यों की टीम में भी आशीष चौहान थे. 1992 से 2000 तक वह एनएसई में रहे थे. वह साल 2000 से 2009 रिलायंस समूह के प्रेसिडेंट एवं मुख्य सूचना अधिकारी रह चुके हैं. शुरुआती वर्षों में वह आइपीएल क्रिकेट टीम मुंबई इंडियंस के सीईओ रहे थे. उन्हें बीएसई में एशिया के सबसे पुराने एक्सचेंज की स्थिति सुधारने और उसे दुनिया का सबसे तेज एक्सचेंज बनाने का श्रेय जाता है.
विश्वविद्यालय और उसके सहायक कॉलेजों के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने इस बात पर खुशी व्यक्त की है. उन्होंने चौहान को विद्यालय परिवार ने स्वागत किया है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि एक ऐसे दौर में जब विश्वविद्यालय फिर से अपनी प्रतिष्ठा स्थपित करने की कोशिश कर रहा है आशीष चौहान का जुड़ने से प्रोत्साहन मिलेगा.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर ने 'अजान' के बारे में शिकायत की
गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय (एयू) की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि पास की एक मस्जिद से होने वाली 'अजान' उनकी नींद में खलल डालती है. जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा था कि वह नियमानुसार कार्रवाई करेंगे. अपने पत्र में, वाइस चांसलर ने कहा है कि 'अजान' से उनकी नींद में खलल होती है और 'अजान' खत्म होने के बाद उन्हें ठीक से नींद नहीं आती है. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें सिरदर्द होता है और काम के घंटों का नुकसान होता है.
उन्होंने कहा कि हालांकि वह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन 'रमजान' के दौरान, माइक्रोफोन पर घोषणाएं अल सुबह 4 बजे शुरू होती हैं, जिससे अन्य लोगों को परेशानी होती है. कुलपति ने अपने पत्र की प्रतियां प्रयागराज के डिविजनल कमिश्नर और एसएसपी को भेजी थीं.
Source : News Nation Bureau