विश्वविद्यालय में तीसरी कटऑफ के आधार पर सोमवार 18 अक्टूबर से दाखिला प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. तीसरी कटऑफ के लिए यह दाखिला प्रक्रिया 21 अक्टूबर रात 11 बजकर 59 मिनट तक जारी रहेगी. दिल्ली विश्वविद्यालय ने 16 अक्टूबर को अपनी तीसरी कटऑफ जारी की है. दिल्ली विश्वविद्यालय में 22 अक्टूबर शाम 5 बजे तक एडमिशन को स्वीकृति दी जाएगी. तीसरी कटऑफ सूची के आधार पर दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्र 23 अक्टूबर शाम 5 बजे तक फीस जमा करा सकते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली कटऑफ 1 अक्टूबर को और दूसरी कटऑफ सूची 9 अक्टूबर को जारी की थी. इन दोनों कटऑफ के आधार पर दाखिला पूरे किए जा चुके हैं.
70 में से 50 हजार सीटें फुल
दिल्ली विश्वविद्यालय में 100 फीसदी और उसके आसपास कटऑफ रहने के बावजूद कुल 70 हजार सीटों में से करीब 50 हजार फीसदी सीटों पर दाखिले पूरे हो चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में विभिन्न कॉलेजों के कई पाठ्यक्रमों के लिए पहली कटऑफ लिस्ट 100 फीसदी तक गई थी. दूसरी कटऑफ लिस्ट में भी कोई खास अंतर नहीं आया था. दूसरी लिस्ट में विभिन्न कॉलेजों में कटऑफ को लेकर औसतन 0.25 फीसदी से लेकर 3 फीसदी तक गिरावट की गई थी. यहीं नहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में तो दूसरी कटऑफ लिस्ट में भी 100 फीसदी ही कटऑफ ही रही. इसके बाद अब तीसरी कट ऑफ जारी की गई है.
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दिल्ली सरकार से खाली पदों को भरने की मांग
इस बीच रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कॉलेजों में खाली पड़े प्रिंसिपल व सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से भी मांग की है. दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दिल्ली सरकार के 20 से अधिक कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हैं. लगभग 79 कॉलेजों में 5000 सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति की जानी है. इसके अलावा विभिन्न विभागों में 800 पदों पर नियुक्ति किए जाने को लेकर 2018--2019 में नियुक्ति निकाली गई थी.
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प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए रोस्टर प्रक्रिया
इनकी समय सीमा नवंबर-दिसंबर 2020 में समाप्त हो चुकी है, तो कुछ कॉलेजों की सितंबर 2021 में समय सीमा समाप्त हो गई है. इन पदों को भरने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब फिर से सर्कुलर जारी किया है. दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने कहा कि सरकार की गवर्निग बॉडी बनने के बाद ही प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति संबंधी रोस्टर तैयार कराएं, रोस्टर के अनुसार आरक्षण नीति के तहत एससी, एसटी, ओबीसी व पीडब्ल्यूडी के शिक्षकों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए.
HIGHLIGHTS
- 70 हजार में से करीब 50 हजार फीसदी दाखिले पूरे
- 20 से अधिक कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल के पद खाली