आज यानि कि सोमवार से दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम की ओपन बुक परीक्षा (OBI) से शुरू हो गई है. इस परीक्षा का आयोजन दो पालियों में आयोजित की गई है. पहली पाली सुबह नौ बजे और दूसरी पाली दोपहर तीन बजे की है. सभी छात्रों को अपनी परीक्षा की कॉपी ईमेल या पोर्टल दोनों में से एक जगह पर जमा करनी होगी. डीयू ने साफतौर पर कहा है कि छात्रों की ओर से ईमेल और पोर्टल दोनों पर सबमिशन करने पर स्वीकार नहीं किया जाएगा, बल्कि किसी एक पर ही सबमिशन करना होगा.
ओपन बुक एग्जाम को तीन चरणों में रखा गया है. पहला 1 घंटा ऑनलाइन फॉर्म भरना, क्वेश्चन पेपर देखना ,उसे नोट करना. दूसरे 3 घंटे क्वेश्चन पेपर को हल करना. बचे हुए 1 घंटे में आंसर शीट की पीडीएफ बनाकर अपलोड करना इसके अलावा अगर किसी स्टूडेंट का इंटरनेट फेल हो जाता है तो उसे 1 घंटे का अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा.
डीयू ने दिव्यांग छात्रों को हितों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए समर्पित विशेष ईमेल आईडी पर भी स्क्रिप्ट जमा करने की सुविधा प्रदान की है. डीयू ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को ओबीई पोर्टल पर ही उत्तर पुस्तिका को जमा करना है. यदि पोर्टल पर पुस्तिका को जमा करने में बार-बार परेशानी आ रही है और कोई विकल्प नहीं है तब छात्र ईमेल आईडी का विकल्प अपना सकते हैं.
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हालांकि, डीयू ने पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका को जमा करने में देरी होने पर एक घंटा अतिरिक्त देने की भी सुविधा प्रदान की है. डीयू के परीक्षा डीन के मुताबिक, ओबीई पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका को अपलोड करने के असफल मामले में छात्रों को ईमेल पर विषय पंक्ति में पेपर कोड और रोल नंबर लिखना अनिवार्य है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुताबिक, निर्धारित समय से अधिक देरी होने पर ईमेल सबमिशन केवल आपातकालीन स्थितियों में ही होना चाहिए और केवल कॉलेज की अधिसूचित ओबीई ईमेल आईडी जमा की जानी चाहिए. वहीं, दिसंबर और मार्च ओपन एग्जामिनेशन परीक्षा के तरह इस बार भी उत्तर पुस्तिकाओं के परिणाम देरी से जारी हो सकते हैं. इसका कारण सत्यापन प्रक्रिया में विलंब बताया जा रहा है.
विश्वविद्यालय प्रशासन की कोशिश है कि सभी स्टूडेंट को प्रोविजनल मार्कशीट और सर्टिफिकेट के लिए भी अपने कॉलेज या कैंपस आने की जरूरत नहीं है, उसकी कॉपी सीधे उनके ईमेल आईडी पर भेज दी जाएगी, विश्वविद्यालय की वेबसाइट से भी डाउनलोड की जा सकती है, साथ ही डिग्री भी ऑनलाइन तरीके से दी जाएगी. पिछले सत्र में 1,78,000 डिग्री आए इसी तरीके से दी गई थी.
इस पोर्टल पर खास ख्याल शिक्षकों का भी रखा गया है. जैसे स्टूडेंट लॉगइन के लिए आईडी और पासवर्ड दिए गए हैं, वैसे ही प्रक्रिया फैकल्टी के लिए भी है ,ताकि वह ऑनलाइन ही पेपरों की जांच कर सके और नंबर दे सके यह पूरी प्रक्रिया ना सिर्फ ऑनलाइन होगी, बल्कि इसकी लाइव मॉनिटरिंग भी की जा सकती है.
महामारी कॉलोनी दिल्ली विश्वविद्यालय का यह कदम बाकी देश की यूनिवर्सिटी के लिए भी एक एग्जांपल सेट करता है, कि किस तरह स्वास्थ्य और सुरक्षा से समझौता किए बिना शैक्षणिक कार्यों को किया जा सकता है.
15 जुलाई के बाद शुरू हो सकते हैं DU में दाखिले
12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द होने का असर विश्वविद्यालयों में होने वाले दाखिलो पर भी पड़ेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इस बार परीक्षा रद्द होने के होने के होने के कारण केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाले वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नहीं लिए जाएंगे. इसके साथ ही अब विश्वविद्यालय ने ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वर्ष भी दाखिला प्रक्रिया में देरी हो सकती है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष भी स्नातक पाठ्यक्रमों का दाखिला मेरिट के आधार पर ही होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक फिलहाल प्रवेश परीक्षाओं को विकल्प के रूप में नहीं रखा गया है.
डीयू ने आधिकारिक तौर पर कहा कि 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई जो भी फॉर्मूला अपनाएगा, हम उसी के आधार पर कट-ऑफ घोषित करेंगे. हर साल, डीयू अधिकांश पाठ्यक्रमों में कट-ऑफ के माध्यम से स्नातक प्रवेश आयोजित करता है, जिसकी गणना काफी हद तक कक्षा 12 के अंकों के आधार पर की जाती है.
गौरतलब है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं. छात्रों अभिभावकों व शिक्षाविदों ने ने इस फैसले का स्वागत किया है. हालांकि 12वीं के छात्रों के रिजल्ट और मूल्यांकन को लेकर प्रश्न अभी भी बाकी हैं. देशभर के कई प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों व शिक्षाविद मूल्यांकन प्रक्रिया को एक समान व पारदर्शी बनाने की अपील कर रहे हैं.