कोविड महामारी के दौरान जान गंवाने वाले जामिया के कर्मचारियों के परिवारों को तत्काल वित्तीय राहत दी जाएगी. इस संबंध में जामिया की कुलपति ने दिवंगत कर्मचारी के मानदंड के अनुसार उनके अधिकार से संबंधित कागजात की प्रक्रिया तुरंत पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. कोरोना के इस दौर में दिवंगत हुए जामिया कर्मचारियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय के डीन, विभागाध्यक्षो, निदेशकों और प्रशासनिक इकाइयों के प्रमुखों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही दुःखी परिजनों को संवेदनाएं भी दी गई हैं.
जामिया के कुलसचिव ने सभी डीन, विभागाध्यक्ष, निदेशकों और प्रशासनिक इकाइयों के सभी प्रमुखों को एक परिपत्र जारी किया है कि वे दिवंगत कर्मचारियों के नाम, पदनाम और अन्य विवरण से संबंधित कागजात कुलसचिव कार्यालय के संबंधित अनुभाग को जल्द से जल्द भेज दें. ऐसा होने पर उन कर्मचारियों के परिवारों को उनके वैध अधिकार और वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई तुरंत शुरू की जा सकेगी.
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दिल्ली में महामारी की दूसरी लहर के दौरान विश्वविद्यालय के कई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई है. जामिया विश्वविद्यालय में कई वरिष्ठ शिक्षकों की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को बहुमूल्य मानव संसाधन खोने के कारण एक बड़ा झटका लगा है और विश्वविद्यालय को मृतकों के परिवारों के साथ गहरी मानवीय सहानुभूति है.
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हाल ही में जामिया के दिवंगत संकाय सदस्यों और कर्मचारियों के लिए शोक सभाओं में प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कुलसचिव और वित्त अधिकारी को, दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों को सरकारी मानदंडों के अनुसार वित्तीय राहत प्रदान करने की प्रक्रिया के लिए एक समर्पित टीम बनाने का निर्देश दिया था. कुलपति ने कर्मचारियों की असामयिक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रार्थना भी की गई.
HIGHLIGHTS
- जामिया के कोरोना से मरे कर्मियों के परिजनों को आर्थिक मदद
- कुलपति ने इस बाबत विभागाध्यक्षों को दिए निर्देश
- अब तक कई प्रोफेसर और शिक्षकों समेत कर्मियों की गई है जान