जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (JNUSU) का चुनाव रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया गया है. यूनाइटेड लेफ्ट पैनल की आइशी घोष (Aishe Ghosh) (एसएफआई) नई जेएनयूएसयू अध्यक्ष चुनी गई हैं. लेफ्ट यूनिटी ने छात्रसंघ चुनाव के सभी चार पदों पर जीत हासिल की है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने JNU चुनाव समिति को अपने परिणाम घोषित करने की अनुमति दी थी.
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आइशी घोष (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) जेएनयूएसयू अध्यक्ष के रूप में चुनी गई हैं. साकेत मून (Saket Moon) (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन) उपाध्यक्ष, सतीश चंद्र यादव (Satish Chandra Yadav) (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) महासचिव और मोहम्मद दानिश (Mohd Danish) (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन) संयुक्त सचिव चुने गए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान परिणाम घोषित करने की मंजूरी दे दी थी. हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में परिणाम न जारी करने का आदेश जेएनयू के दो छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि चुनाव समिति ने लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी करके छात्रसंघ का चुनाव कराया है.
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बता दें कि अंशुमान दुबे और अनुज कुमार द्विवेदी ने याचिका में जेएनयूएसयू का चुनाव लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराने की मांग की थी. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी और मामले से जुड़े सभी पक्षों को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए थे. लेकिन कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन के जवाब के बाद याचिकाओं को रद्द कर दिया. क्योंकि जेएनयू ने कहा कि उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए या तो अनुपयुक्त पाया गया या फिर पीछे उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को उन्होंने छिपाया.
Aishe Ghosh (Students’ Federation of India) elected as JNUSU President, Saket Moon (Democratic Students’ Federation) as Vice President, Satish Chandra Yadav (All India Students’ Association) as General Secretary & Mohd Danish (All India Students’ Federation) as Joint Secretary. https://t.co/sc9uxwbTmX
— ANI (@ANI) September 17, 2019
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी जानकारी के बाद हमने चुनाव नतीजों पर रोक लगाई थी, लेकिन आपकी जानकारी सही नहीं थी. जेएनयू ने कहा कि GRC (ग्रीवांस रिड्रेसल सेल) ने पिछला चुनाव 30 काउंसलर के साथ कराया था, जबकि इस बार 46 काउंसलर के साथ कराया है. याचिकाकर्ता का ये कहना कि 55 काउंसलर के साथ ही पिछले चुनाव होते आए हैं, पूरी तरह से ग़लत है.
शुक्रवार को दो छात्रों की याचिका पर हाई कोर्ट ने रिजल्ट के ऐलान पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी. इस पर देर रात सभी यूनियंस के साथ मीटिंग कर जेएनयू इलेक्शन कमिटी ने तय किया कि वे रुझानों के साथ रिजल्ट जारी करेंगे, मगर फाइनल रिजल्ट का ऐलान नहीं करेंगे. हालांकि, स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रशासन की ओर से काउंटिंग रुकवाने की कोशिश भी की गई, मगर प्रशासन सफल नहीं हो पाया. छात्रों का कहना था कि हाई कोर्ट ने काउंटिंग पर रोक नहीं लगाई है.