महाराष्ट्र में इस साल पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में राज्य सरकार सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े छात्रों के लिए दस फीसदी आरक्षण लागू नहीं कर पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि एडमिशन की प्रकिया शुरू होने के बाद EWS कोटे के लिए जरूरी संविधान संसोधन किया गया है. एक बार प्रकिया शुरू होने के बाद आप नियम नहीं बदल सकते.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि EWS कोटे के जरिये एससी/एसटी कोर्ट को बेअसर नहीं किया जा सकता. पीजी मेडिकल कोर्स में इसको लागू करने से पहले राज्य सरकार को सीटों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी.
बता दें कि इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए संविधान में 124वां संशोधन कर आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया था. राज्यसभा में इस बिल पर करीब 10 घंटे तक बहस चली थी और भारी बहुमत से विधेयक पारित हुआ था. लोकसभा में भी इसके विरोध में केवल 3 वोट पड़े थे, जबकि समर्थन में 323 वोट. कानून लागू हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 फीसदी आरक्षण की सीमा 60 फीसदी हो गई है.
विधेयक पेश किए जाने के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद एम कनिमोझी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के डी राजा और राष्ट्रीय जनता दल (राजेडी) के मनोज कुमार झा ने इसका विरोध किया और प्रवर समिति (सेलेक्ट कमेटी) के पास भेजे जाने की मांग की थी.
Source : News Nation Bureau