दिल्ली विश्वविद्यालय में केरल के छात्रों को लेकर स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय में अभी तक केरल बोर्ड के 2000 से अधिक छात्रों को दाखिला मिल चुका है. विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर्स ने केरल बोर्ड के अंक देने की प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं. वहीं छात्र संगठन एबीवीपी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को यह दाखिले रद्द करने की चेतावनी दी है. एबीवीपी ने डीयू प्रशासन का पुतला भी दहन किया. एबीवीपी के सिद्धार्थ यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय कटऑफ में अनुचित वृद्धि पर कार्रवाई करे. अंक प्रतिशत की वजह से छात्रों के बीच असमानता आती है. दिल्ली विश्वविद्यालय देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए अंकों के मॉडरेशन, सामान्यीकरण का एक तंत्र तैयार करें.
एबीवीपी का कहना है कि प्रवेश के लिए छात्रों की प्रारंभिक जांच करना आवश्यक है. गैर-जिम्मेदार प्रवेश प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही विश्वविद्यालय तय करें. दिल्ली विश्वविद्यालय में केरल बोर्ड ऑफ हायर माध्यमिक शिक्षा के 2365 छात्रों को कटऑफ के आधार पर दाखिला मिल चुका है. केरल बोर्ड से 6,000 से अधिक छात्रों ने सौ प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, इनमें से बड़ी संख्या में केरल के छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों का कहना है कि केरल राज्य शिक्षा बोर्ड ने 12वीं के अंक प्रदान करने में काफी ढिलाई बरती है. जिससे वहां हजारों छात्रों ने 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं. इसी बात डीयू में छात्र संगठन, केरल के छात्रों को दिए जा रहे दाखिलों का विरोध कर रहे हैं.
इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के राज्यों और स्कूल बोडरें की परवाह किए बिना सभी को समान रूप से महत्व देता है. इस साल भी केवल योग्यता आधार पर आवेदन स्वीकार करके सबके लिए समान अवसर हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि पक्षपात करने के संबंध में प्रसारित की जा रही खबरें निराधार हैं. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों हेतु पहली कट ऑफ लिस्ट 1 अक्टूबर को जारी की गई थी. इस कट ऑफ लिस्ट के आधार पर 4 अक्टूबर से विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले शुरू किए गए थे. दिल्ली विश्वविद्यालय अब 9 अक्टूबर को दूसरी कट ऑफ लिस्ट जारी करेगा.