विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन कराने संबंधी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूजीसी से पूछा कि महामारी की मौजूदा स्थिति देखिए, ऐसे में कैसे लेंगे परीक्षा, बताइए? कोर्ट ने यूजीसी से यह भी पूछा कि क्या एमसीक्यू, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन आदि के विकल्प अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए उपलब्ध हैं.
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यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक ऑनलाइन या ऑफलाइन कराने संबंधी दिशा-निर्देशों जारी किए थे. इन दिशानिर्देशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं में शामिल कोरोना से पीड़ित छात्र का कहना है कि अंतिम वर्ष के कई छात्र खुद कोरोना संक्रमण के शिकार हैं, तो कुछ के परिवार के सदस्य इस वायरस से संक्रमित हैं. ऐसे छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करना अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.
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याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि अगर अन्य शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित किए जा सकते हैं, तो अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए यह क्यों नहीं दिया जा सकता है. ज्ञात हो कि हाल ही में यूजीसी की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित होंगी. दिशानिर्देशों में कहा गया कि विश्वविद्यालय अथवा संस्थान द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से कराई जाएंगी.
Source : News Nation Bureau