जेएनयू में तीसरे चरण की रिओपनिंग आरंभ की जा रही है. इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय को अधिक छात्रों के लिए खोलने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत 23 सितंबर से पीएचडी रिसर्च के तीसरे वर्ष के छात्र को विश्वविद्यालय आने की अनुमति दी गई है. हॉस्टल और डे स्कालर दोनों तरह के छात्र विश्वविद्यालय आ सकेंगे. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बसों को भी विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार पी अजय बाबू ने बताया कि विश्वविद्यालय में दूसरे चरण की रिओपनिंग गुरुवार 23 सितंबर से शुरू की जा रही है. वहीं चौथे चरण की रिओपनिंग 27 सितंबर से की जाएगी.
जेएनयू के डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया कि चौथे चरण में एमएससी फाइनल ईयर और बीटेक चौथे वर्ष के सभी छात्रों को विश्वविद्यालय कैंपस में आने की अनुमति होगी. इसके साथ ही चौथे चरण में एमबीए फाइनल ईयर के छात्र भी विश्वविद्यालय आ सकेंगे. चौथे चरण में भी यह सुविधा डे स्कॉलर और हॉस्टल में रहने वाले दोनों तरह के छात्रों के लिए होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए के निदेशक को सत्र 2021-22 की प्रवेश परीक्षा में आ रही तकनीकी और प्रशासनिक खामियों के संबंध में ज्ञापन सौंपा है. गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के काफी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में दाखिले हेतु प्रवेश परीक्षा एनटीए ही कराती है. 20 सितंबर से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा शुरू हो गयी है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि पहले दिन ही छात्रों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कुछ केंद्रों पर परीक्षा के दौरान बिजली गुल हो जाने की शिकायत छात्रों ने की. कई स्थानों पर अभ्यर्थियों को बिना किसी उचित कारण बताए परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया, जबकि उन्होंने पंजीयन की पूरी प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए शुल्क का भुगतान कर दिया था. इसके अलावा कई स्थानों पर एडमिट कार्ड होने के बावजूद भी कई छात्रों के नाम उपस्थिति सूची में न होने से छात्रों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इन सभी समस्याओं को उजागर करते हुए अभाविप ने एनटीए को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि आगे इस प्रकार की समस्याओं का सामना छात्रों को न करना पड़े क्योंकि आने वाले समय में दिल्ली विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थानों की प्रवेश परीक्षा है और एनटीए की कमियों के कारण किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो.
HIGHLIGHTS
- पीएचडी रिसर्च के तीसरे वर्ष के छात्र को विश्वविद्यालय आने की अनुमति
- बसों को भी विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी
- चौथे चरण की रिओपनिंग 27 सितंबर से की जाएगी