शिक्षा के नाम पर देश में किस कदर छात्रों को ठगा जाता है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में यूजीसी ने जिन 4 विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया है, उनमें से एक लखनऊ के चिनहट इलाके में हैं. जब हम इस यूनिवर्सिटी के रजिस्टर पते पर पहुंचे तो यहां प्राइमरी स्कूल चलता पाया गया. जब हमने यहां के स्टाफ से जानकारी लेने की कोशिश की. यूनिवर्सिटी आखिर यहां दर्ज है इसी पते पर तो यहां प्राइमरी स्कूल कैसे चल रहा है.
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ऐसे में स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों ने हमें आफ द रिकॉर्ड बताया कि यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी हमें लगा कि कर्मचारी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद हमने इस विश्वविद्यालय की वेबसाइट को सर्च किया तो हम हैरान रह गए और यकीन मानिए कि शिक्षा के नाम पर किस तरह से फ्रॉड हो रहा है.
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इसका अंदाजा इस की वेबसाइट को देखकर ही लग गया जा सकता है. वेबसाइट बा कायदे सक्रिय है और उस पर एडमिशन फॉर्म तक अपलोड किए गए हैं और जिस बिल्डिंग को वेबसाइट में दिखाया गया है इस पते पर है ही नहीं. अब ऐसे में सवाल यह है कि ऐसी यूनिवर्सिटी डिग्री के नाम पर छात्रों को कब तक ठगती रहेंगी?