Teacher Punishment Guidelines: उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए इसके लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है. अक्सर सोशल मीडिया पर टीचरों की पिटाई का वीडियो वायरल रहता है, जिसमें बच्चे को बेरहमी से पीटा जाता है. बच्चों के साथ होने वाले हिंसा को रोकने के लिए टीचरों को सुरक्षित व्यवहार के बारे में बताया गया है. अब बच्चों को शारीरिक पनीसमेंट देने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें डांट-फटकार भी देने पर सख्त रोक लगा दी गई है. इस नई गाइडलाइन के तहत बच्चों को किसी भी प्रकार की शारीरिक सजा जैसे कि चांटा मारना, घुटनों के बल बैठाना, या क्लास रूम में अकेले बंद करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके अलावा, बच्चों को परिसर में दौड़ाना, चिकोटी काटना, या फटकारना भी मना कर दिया गया है.
बच्चों के लिए बनाई जाएगी शिकायत पेटी
नए सेशन से लागू होने वाली इस गाइडलाइन के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने एक शिकायत पेटी की व्यवस्था भी अनिवार्य कर दी है, जिसमें बच्चे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. अभिभावक-शिक्षक समिति नियमित रूप से इन शिकायतों की सुनवाई करेगी और समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेगी. इसके साथ ही, बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाएगी. हर महीने शिक्षक-अभिभावक समिति की बैठक में बच्चों को उनके अधिकारों की डिटेल्स जानकारी दी जाएगी.
बच्चों को इनके अधिकारों के लिए जागरूक करना
इसके अलावा, पढ़ाई से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए सीएम योगी द्वारा शुरू किए गए टोल फ्री नंबर 18008893277 का प्रचार बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें. महानिदेशक बेसिक शिक्षा, कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देशित किया है कि स्कूलों में बच्चों के खाने, खेल, पीने के पानी और शौचालय सुविधाओं में किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाएगा. साथ ही, शिक्षकों को बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी देने के लिए एक मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिस पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
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