Advertisment

स्पेस में क्या होता है डार्क मैटर और डार्क एनर्जी, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए इसका रहस्य

बिग बैन से विस्फोट से ब्रह्मांड और अन्य ग्रहों, तारों के निर्माण हुआ और तब से लेकर आजतक ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हमारे ब्रह्मांड में ज्यादातर हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का है.

author-image
Priya Gupta
New Update
Dark Energy

Photo-Social Media

Dark Energy: हमारा ब्रह्मांड कैसा है, इसे लेकर इंसानों के अंदर जानने की बहुत ही इच्छा होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे ब्रह्मांड का ज्यादा हिस्सा डार्क एनर्जी और डार्क मैटर से बना है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यूनिवर्स लगातार फैल रहा है, और ये कब तक फैलेगा इस बात की जानकारी किसी को नहीं हैं. जब ब्रह्मांड की उत्पत्ति की बात आती है तो बिग बैन विस्फोट का जिक्र जरूर होता है,इस विस्फोट से हमारे  ब्रह्मांड और अन्य ग्रहों, तारों के निर्माण हुआ और तब से लेकर आजतक  ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है.

Advertisment

डार्क मैटर क्या है?

डार्क मैटर एक प्रकार की एनर्जी है जिसे हम सीधे तौर पर देख नहीं सकते. यह न तो लाइट को सोख सकता है और न ही उत्सर्जित करता है. इसकी उपस्थिति का अनुमान हम केवल इसके ग्रेविटेशनल फोर्स से लगाते हैं. ब्रह्मांड में जो तारे, ग्रह और अन्य पदार्थ हमें दिखाई देते हैं, वे केवल 5% ब्रह्मांड का हिस्सा हैं. लगभग 27% हिस्सा डार्क मैटर का है.

डार्क मैटर का काम गैलेक्सी को एक साथ बनाए रखना है. यदि डार्क मैटर न होता, तो आकाशगंगाओं के तारे आपस में बहुत दूर चले जाते और गेलैक्सी टूट जातीं. वैज्ञानिकों ने देखा है कि गेलैक्सी का कुल मास उनके दिखाई देने वाले मास से बहुत ज्यादा होता है.हालांकि, डार्क मैटर के संभावित कणों के बारे में कई सिद्धांत हैं, लेकिन इन्हें अभी तक प्रत्यक्ष रूप से नहीं पकड़ा जा सका है. इस पर रिसर्च जारी है. वैज्ञानिक ऐसे डिटेक्टर बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो इन्हें पहचान सकें

डार्क एनर्जी क्या है?

डार्क एनर्जी एक रहस्यमय एनर्जी है जो यूनिर्वस के विस्तार को तेज कर रही है.वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्रह्मांड का विस्तार धीमा नहीं हो रहा, बल्कि तेजी से हो रहा है, तब डार्क एनर्जी की परिकल्पना की गई. डार्क एनर्जी की प्रकृति पूरी तरह से साफ नहीं है. लेकिन यह ब्रह्मांड के हर कोने में मौजूद मानी जाती है और इसके प्रभाव से गैलेक्सी के बीच की दूरी समय के साथ बढ़ती जाती है. इसके प्रभाव को समझने के लिए कई मॉडल्स पेश किए गए हैं, जिनमें से सबसे फेमस है आइंस्टीन का कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टैंट मॉडल, जिसे उन्होंने अपने सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत में शामिल किया था.

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी में अंतर

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी दोनों ही ब्रह्मांड के रहस्यमय एनर्जी है. डार्क मैटर का काम गलैक्सी और अन्य खलोगीय पिंडो को ग्रैविटेशनल फोर्स के जरिए से एक साथ बनाए रखना है. इसे ब्रह्मांड का "ग्लू" भी कहा जा सकता है, जो आकाशगंगाओं को एकजुट रखता है. वहीं डार्क का काम ब्रह्मांड के विस्तार करने में है. इसके प्रभाव से ब्रह्मांड का विस्तार तेजी से हो रहा है और इस विस्तार की दर समय के साथ बढ़ रही है.

ये भी पढ़ें-इस सरकारी परीक्षा में नहीं होगी नेगेटिव मार्किंग, 40 प्रतिशत में भी होगा सलेक्शन

ये भी पढ़ें-NEET PG: यहां के रेजिडेंट डॉक्टरों की स्टाइपेंड 25 प्रतिशत बढ़ी, 81000 तक मिलेंगे

space universe
Advertisment