Salary of SDM: जिलाधिकारी (SDM) किसी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है और वह जिले के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करता है. लेकिन अगर प्रशासनिक सेवा में एसडीएम से पहले डीएम सबसे शक्तिशाली अधिकारी माना जाता है. एसडीएम को एक उपनिबंधक मजिस्ट्रेट के रूप में कई अधिकार मिलते हैं, जो उन्हें एक अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि एसडीएम काम क्या है और कितनी सैलरी और सुविधाएं मिलती है.
एसडीएम के कार्य और जिम्मेदारियां
एसडीएम को अपने क्षेत्र में सरकारी योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी दी जाती है. वह जिले के डीएम के अधीन कार्य करते हैं और उनकी रिपोर्ट डीएम को ही भेजी जाती है. एसडीएम का मेन काम सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना, प्रशासनिक गतिविधियों को संचालित करना और संबंधित कानूनों का पालन करना होता है. एसडीएम सरकारी और प्राइवेट जमीन के रिकॉर्ड की देखरेख भी करते हैं.
एसडीएम का एक और जरूरी काम यह है कि वह रिवेन्यू के काम, शादी रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस रीन्यू, और अलग-अलग सर्टिफिकेट जैसे डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. वह अपने सब-डिवीजन में आने वाले तहसीलदारों के कार्यों की निगरानी करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सभी कार्य सुचारू रूप से चलें.
एसडीएम के अधीन कार्य करने वाला स्टाफ
एसडीएम के पास अपने सब-डिवीजन में जितने तहसीलदार होते हैं, वे सभी एसडीएम के अधीन काम करते हैं. एसडीएम, तहसीलदार और डीएम के बीच एक कड़ी की भूमिका निभाते हैं. उनके पास कई प्रशासनिक कार्य होते हैं, जैसे कि जमीन विवादों का निपटान, प्रशासनिक आदेशों का पालन और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखना.
एसडीएम की सैलरी और भत्ते
एसडीएम को एक अच्छी सैलरी मिलती है. उन्हें पे बैंड 9300-34800 रुपये के साथ ग्रेड पे 5400 रुपये तक की सैलरी मिलती है. एसडीएम की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है और यह 1.77 लाख रुपये तक जा सकती है. इसके अलावा, एसडीएम को कई तरह के अलावेंस और फैसिलिटी भी मिलती हैं.
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