What is Unhappy Leave: आज के समय में टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर काफी जागरूकता फैलाई जा रही है. ऐसे कई केस सामने आएं हैं कि जहां महिला ने काम के प्रेशर में सुसाइड कर लिया. इस वजह से कई कंपनी में कर्मचारियों के हितों का ध्यान रख जाता है, सही समय पर लीव लिया दिया ताकि कर्मचारी मानसिक रूप से फीट रहे और खुश रहकर काम करें. इस पहल के आगे बढ़ाते हुए इन दिनों एक नया ट्रेंड चला है ‘अनहैप्पी लीव’ का. जहां पर आपको अच्छा महसूस न करने पर लीव मिलेगी.
मेंटल हेल्थ का रखा जाएगा ख्याल
यह एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो कर्मचारियों को उनकी भावनात्मक स्थिति के आधार पर छुट्टी लेने की अनुमति देता है. जब कोई कर्मचारी मानसिक रूप से अच्छा महसूस नहीं कर रहा हो या असंतुष्ट हो, तो उसे काम से छुट्टी लेने का ऑप्शन मिलता है. यह मानसिक स्वास्थ्य और बर्नआउट जैसी समस्याओं के लिए शुरू किया गया है. इसका सिंपल सा मतलब ये है कि अगर आप खुश नहीं हैं, तो आपको काम करने की कोई जरूरत नहीं है.
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान
महामारी के दौरान और उसके बाद रिमोट वर्किंग के बढ़ते ट्रेंड ने वर्कप्लेस में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाया है. अब कर्मचारी केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी कंपनियों से अपेक्षाएं कर रहे हैं. इसकी चलन चीन से शुरू हुआ है. हेनान प्रांत में रिटेल चेन पांग डोंग लाई के संस्थापक और चेयरमैन यू डोंगलाई ने हाल ही में घोषणा की कि उनके कर्मचारी प्रति वर्ष 10 दिन की ‘अनहैप्पी लीव’ ले सकते हैं.
भारत में क्या मिलेगी ‘अनहैप्पी लीव’
हाल की ‘हैप्पीएस्ट प्लेसेस टू वर्क’ रिपोर्ट के फैक्ट में सामने आया है कि लगभग 70% भारतीय कर्मचारी अपनी नौकरियों से असंतुष्ट हैं. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे टॉक्सिक वर्क कल्चर, ग्रोथ के अवसरों की कमी और पर्सनल प्रॉबलम. ऐसे में ‘अनहैप्पी लीव’ जैसे ऑप्शन कर्मचारियों को अपनी मानसिक स्थिति का ध्यान रखने का एक अच्छा कदम हो सकता है.
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