एक मीडिल क्लास फैमिली के घर में सरकारी नौकरी लग जाए तो खुशी का माहौल ऐसा होता कि जैसे भगवान ने उन्हें सबकुछ दे दिया..जिसकी उन्हें दरकार थी. वह सबकुछ जिसके लिए वो लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे. मां-बाप का सपना भी अपने बच्चों के साथ जुड़ने लग जाता है. उनकी पहचान, उनका रुतबा.. उनकी प्रतिष्ठा सबके सब बढ़ने लग जाता है. इसीलिए वो अपने बच्चों के सपने को पूरा करने के लिए अपने घर से दूर भेजते हैं, इस उम्मीद में कि एक दिन उसका बच्चा अफसर बनकर लौटेगा और नहीं भी बना तो वापस तो लौटेगा ही, लेकिन नियती को कौन टाल सकता है. मुकदर में जो लिखा होता है. वहीं होकर रहता है. दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन बच्चों की मौत ने देश को झकझोर कर रख दिया है. तेलंगाना, केरल और उत्तर प्रदेश से आए ये बच्चे दिल्ली में आईएएस बनने की तैयारी करने आए थे, लेकिन उन्हें क्या मालूम कि उनकी जिंदगी इतनी छोटी होगी कि पानी में ही खत्म हो जाएगी. देश के होने वाले होनहार के बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा कि देश की राजधानी दिल्ली में उनके साथ कुछ ऐसा होगा कि वह मीडिया की हेडलाइन्स बन जाएगा. तीनों बच्चों के मां-बाप पर आज क्या बीत रही होगी, जब अचानक उनके घर पर इसकी खबर लगी होगी. तीनों परिवार समेत पूरे देश का माहौल गमगीन है. आखिर कैसे हुआ ये हादसा.. किसकी है ये लापरवाही और कौन है इसका जिम्मेदार इस सब के बारे में हमने जानने की कोशिश की है..
वो अब वापस कभी नहीं लौटेंगे
सोचिए किसी की लापवाही से किसी की जान चली जाती है, एक घर बर्बाद हो जाता है लेकिन लापवाही बंद होने का नाम नहीं लेती. एक आम इंसान की जान की कीमत अब कुछ भी नहीं रह गई है. किसी जान जाए तो जाए किसी को क्या...कौन सा उसके घर की बात थी. दिल्ली के राजेंद्र नगर में आईएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्र केवल लापवाही का शिकार हो गए और उनकी जान चली गई. उनके मां-बाप पर क्या बितती होगी जिसकी आंखों में अपने बच्चे को ऑफिसर बनने का सपना बसा रखा था. लाइब्रेरी में अधिक जलभराव के कारण तीन लोगों की जान चली गई. जिसमें दो लड़कियां थी और एक लड़का. आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी.
कौन थे तीन लोग जो व्यवस्था की लापरवाही का हो गए शिकार
श्रेया यादव: श्रेया यादव उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी और प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफल होने की उम्मीद के साथ दिल्ली आई थी.श्रेया यादव के परिवार का घर राज्य के अंबेडकर नदर जिले में है.शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस ने कहा कि गंदे पानी के कारण उसके अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे. रिपोर्ट के अनुसार शव मिलने के बाद वे यूपी में अपने गृहनगर के लिए रवाना हो चुके हैं.
तानिया सोनी: तेलंगाना की तानिया सोनी की उम्र केवल 25 वर्ष थी, अपनी जिंदगी के सबसे अहम फेज में जिस ऐज में अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं. तानिया ने भी आईएएस बनने के बाद अपनी जिंदगी जीने के सपने देखें होंगे. लेकिन उसे कहां मालूम था एक दिन वो किसी और की लापरवाही के कारण जान गंवा देगी. तानिया मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली थी.उसका परिवार वर्तमान में तेलंगाना में रहता है. पुलिस ने बताया कि परिवार का घर औरंगाबाद के नबीबनगर इलाके में है.
नवीन डेल्विन: 28 वर्षीय नवीन डेल्विन की कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से मौत हुई है. वह केरल के एर्नाकुलम का रहने वाला था. बेसमेंट से उसका शव बरामद होने वाला आखिरी शव था.
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