आपके पास आपकी डिग्री है और कोई अचानक से कहें कि आपकी डिग्री एक्सपायर हो गई है. वहीं आपकी जो डिग्री है उसकी भी वैलिडेशन होनी चाहिए. वहीं हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा प्रोघोगिकी फोरम के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्नबुद्धे ने कहा कि एजुकेशनल डिग्री की एक्सपायरी डेट होनी चाहिए. साथ ही किसी भी डिग्री का हर 10 साल में वैलिडेशन होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि देश, समाज में बहुत कुछ बदल रहा है. वहीं इसका बदलाव डिग्री पर भी दिखना चाहिए. आइए आपको बताते है कि ऐसा क्यों होना चाहिए.
इन वजह से जरूरी है वैलिडेशन
प्रोफेसर ने कहा कि जो डिग्री हमें मिलती है. उसका जो करिकुलम है, वो आउटडेटेड हो जाता है. वहीं जब आपको डिग्री मिलती है. तो उसके तीन से चार साल बाद काफी सारी चीजें बदल जाती है. साथ ही काफी सारे लोग कहते है कि आप ग्रेजुएट होकर आ रहे हैं. वह रोजगार के योग्य नहीं है क्योंकि आज के दिन की जो जरूरतें हैं. उसकी जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं ऐसे में अगर अपडेटेड करिकुलम के साथ जाते हैं तो उसका रेलीवेंस ऐसे ही रहता है. वहीं अगर आप कुछ नया नहीं सीख रहे हैं, तो उससे आपकी वैल्यू कम हो जाती है.
स्किल से मिलती है नौकरियां
प्रोफेसर ने बताया कि जो बड़ी- बड़ी कंपनियां है, वो डिग्री देखकर नौकरी नहीं देती है. वह सिर्फ स्टूडेंट्स की स्किल देखकर ही नौकरी देते है. अगर आपको सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए एक दो लैंग्वेज में एक्सपर्टीज है तो बीटेक कंप्यूटर साइंस नहीं चाहिए. एप्पल हो, माइक्रोसॉफ्ट हो यह सब कर रहे हैं. अब डिग्री के साथ स्किल का महत्व ज्यादा है.
क्या वाकई 10 साल बाद हो जाएगी डिग्री एक्सपायर
एक्सपर्ट के मुताबिक हर 10 साल पर वैलिडेशन होना चाहिए. नई-नई चीज जो भी मार्केट में आई हैं. उसके बारे में जानकारी होनी चाहिए. दसवीं में जो आपने सीखा उसमें अगर कोई नए विषय आ गए हैं, जिनको दसवीं में आज पढ़ने की जरूरत है. ऐसा कुछ अगर आप करते हैं. नई भाषा सीखेंगे उसका सर्टिफिकेशन करने की जरूरत है.
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