दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. जिसमें आम आदमी पार्टी एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में वापसी कर रही है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 2015 के मुकाबले 5 सीटें खो कर 62 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं बीजेपी को 2015 के मुकाबले पांच सीटों की बढ़त मिली है और उसने इस चुनाव में 8 सीटों पर जीत हासिल की है. इस चुनाव में कांग्रेस को फिर एक बार कारारी हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इस चुनाव में तीन सबसे बड़ी जीत और तीन सबसे बड़ी हार चर्चा का विषय बनी हुई है.
3 सबसे बड़ी जीत
इस चुनाव में तीन जीत ऐसी हैं जो चर्चा का विषय बनी हुई हैं. नई दिल्ली सीट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जीत हासिल हुई है. उन्होंने बीजेपी के सुनील यादव को 21,697 वोटों से हराया है. अरविंद केजरीवाल को 46,758 वोट मिले वहीं सुनील यादव को 25,061 वोट मिले.
वहीं पटपड़गंज सीट पर आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया को जीत मिली है. हालांकि मनीष सिसोदिया की यह कोई बड़ी जीत नहीं है. उन्होंने बीजेपी के रवींद्र सिंह नेगी को 3207 वोटों से हराया है. मनीष सिसोदिया शुरुआती रुझानों में काफी पीछे चल रहे थे. लेकिन दोपहर दो बजे के बात एक बार फिर से वह लड़ाई में आ गए. उन्हें 70,163 और रवींद्र सिंह नेगी को 66,956 वोट मिले हैं.
तीन सबसे बड़ी जीत में बीजेपी की भी जीत शामिल है. बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी सीट से जीत हासिल की है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के राजेश बंशीवाला को 12,648 वोटों से हराया है. विजेंद्र गुप्ता 2015 में भी विधायक बने थे. गुप्ता को 62,174 और राजेश बंशीवाला को 49,526 वोट मिले थे.
3 सबसे करारी हार
आम आदमी पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते रहे हैं. लेकिन उन्हें आम आदमी पार्टी के अखिलेश पति त्रिपाठी से करारी हार मिली है. कपिल मिश्रा 11,133 वोटों से हारे हैं. अखिलेश पति त्रिपाठी को 52,665 वोट मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर कपिल मिश्रा रहे जिन्हें 41,532 वोट मिले.
कांग्रेस की हार इस चुनाव में सबसे करारी रही. क्योंकि कांग्रेस सिर्फ 3 सीटों पर ही अपनी जमानत बचा सकी. बाकी 67 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस की सबसे चर्चित नेताओं में से एक अलका लांबा को हार का मुंह देखना पड़ा है. अलका लांबा 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक से विधायक बनी थीं. लेकिन बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गईं. शायद उन्हें लगा होगा कि जनता उनके नाम पर उन्हें वोट दे देगी. लेकिन जनता ने उनकी जमानत तक जब्त करवा दी है. अलका लांबा को सिर्फ 3,881 वोट मिले हैं. उन्हें आम आदमी पार्टी के प्रह्लाद सिंह साहनी ने हराया है.
बीजेपी नेता तेजिंदर पाल बग्गा को भी हार का सामना करना पड़ा है. बग्गा को सिर्फ 37,956 वोट मिले हैं. आम आदमी पार्टी की राजकुमारी ढिल्लो को 58,087 वोट मिले हैं.
Source : Yogendra Mishra