पिछले चुनाव यानी 2013 के विधान सभा चुनाव में मध्यप्रदेश के तीन दलों के 683 उम्मीदवारों में से 350 यानी 51 फीसद करोड़पति थे. इनमें भाजपा के 70 फ़ीसद, कांग्रेस के 66 फीसद और बसपा के 18 फीसद थे. एडीआर और इलेक्शन वॉच के मुताबिक पिछले चुनाव में मध्य प्रदेश में ग़रीबी की रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की संख्या 40 फीसद के आसपास थी जबकि विधानसभा चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों की तादाद 51 फ़ीसद थी . इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उम्मीदवारों की ओर से नामांकन फॉर्म दाख़िल करते समय चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र के विश्लेषण के बाद यह जानकारी दी थी.
संजय पाठक हैं सबसे अमीर विधायक
एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य में सबसे अधिक संपत्ति वाले तीन प्रत्याशी थे. विजयराघवगढ से लड़ रहे कांग्रेस के संजय पाठक, रतलाम शहर से भाजपा प्रत्याशी चेतन कश्यप और देपालपुरे क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल. संजय पाठक की घोषित संपत्ति 121.32 करोड़, चेतन कश्यप की घोषित संपत्ति 120.29 करोड़ और सत्यनारायण पटेल की घोषित संपत्ति 70.96 करोड़ रुपए थी. संजय पाठक और चेतन कश्यप को विजयश्री हासिल हुई थी.
1,000 फ़ीसद बढ़ गई दौलत
2013 के विधानसभा चुनाव में एडीआर ने चुनाव लड़ रहे कुल 2,583 उम्मीदवारों में से तीन प्रमुख दल कांग्रेस, भाजपा और बसपा के 686 उम्मीदवारों में से 683 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया था. इस विश्लेषण के परिणाम बेहद रोचक और चौंकाने वाले निकले.एडीआर और इलेक्शन वॉच के मुताबिक़ उस समय फिर से चुनावी अखाड़े में उतरे आठ विधायकों की संपत्ति 1,000 फ़ीसद या इससे ज़्यादा बढ़ गई थी, जबकि 16 निवर्तमान विधायकों की हैसियत में 500 फीसदया इससे अधिक का इज़ाफ़ा हुआ था.
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पांच सालों में औसतन 242 फीसद की वृद्धि
2008 से 2013 तक पांच सालों में इन दलों की प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति भी बढी गई थी. भाजपा के 229 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.04 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार थी जबकि कांग्रेस के 228 प्रत्याशियों में यह 5.33 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार पर रही. बसपा के 226 उम्मदवारों की औसत संपत्ति 76.62 करोड़ रुपए आंकी गई . 2013 में दोबारा चुनाव लड़ रहे 141 विधायकों की संपत्ति में इन पांच सालों में औसतन 242 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई. जहां भाजपा विधायकों की संपत्ति में 253 फीसद रही, वहीं कांग्रेस विधायकों की संपत्ति में 235 फीसद और बसपा विधायकों की औसत संपत्ति में 270 फ़ीसद तक का इज़ाफ़ा हुआ था. 2008 में भाजपा के 35 फ़ीसद, कांग्रेस के 37 फीसदऔर बसपा के 13 फीसदउम्मीदवार करोड़़पति थे. यानी 2008 के मुक़ाबले करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में 22 फीसदका इज़ाफ़ा हुआ.
Source : News Nation Bureau