अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के सदस्य हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के स्वार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं. वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे हैं. उनका जन्म एक जनवरी 1993 को हुआ. उन्होंने 2015 में यूपी तकनीकी विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी से स्नातक किया और बाद में गलगोटिया विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की. वह 2017 में विधायक बने. उन्होंने रामपुर जिले के स्वार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं. 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति पाए जाने के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
रामपुर से सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम फिर चुनावी मैदान में हैं. दो जन्म प्रमाण पत्र एवं दो पैन कार्ड से जुड़े मामले में जांच के बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी. दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें 15 जनवरी 2022 को रिहाई मिली. उनकी मां तंजीम फातिमा को पहले ही जमानत मिल चुकी है. अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भाजपा (BJP) की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने रामपुर (Rampur) की स्वार (Suar) सीट से हैदर अली खान (Haider Ali Khan) को प्रत्याशी बनाया है.
भाजपा सरकार आने पर परिवार की मुसीबत बढ़ी
मोहम्मद आजम खान और उनके परिवार पर मुसीबतें 2017 में बढ़ने लगीं, जब उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई. चुनाव के कुछ महीने बाद ही आजम खान के खिलाफ रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों की 104 एकड़ जमीन नियमों के खिलाफ खरीदने के लिए राजस्व बोर्ड में 10 मामले दर्ज किए गए थे. 2019 में, कुछ माह के अंदर जालसाजी, चोरी, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के लिए आजम खान और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 70 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे. ज्यादातर मामले जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में हड़पी गई भूमि के अतिक्रमण से जुड़े हुए थे. इसके अध्यक्ष आजम खान हैं.
Source : News Nation Bureau