महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर जारी घमासान के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के मुख्यमंत्री के होर्डिग्स अब हटा दिए गए हैं. बीएमसी ने मातोश्री (ठाकरे निवास) के बाहर लगे 'महाराष्ट्र सीएम केवल आदित्य ठाकरे' लिखे होर्डिंग को हटा दिया है. दरअसल 50-50 फॉर्मूले पर सरकार बनाने की शर्त रखते हुए शिवसेना नेताओ ने आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की मांग रखी थी. इसी के बाद जगह-जगह ये होर्डिंग लगाए गए थे. हालांकि नेताओं का कहना ये भी था कि वो चाहते हैं कि आदित्या ठाकरे सीएम बने लेकिन आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे ही लेंगे. इस बीच अब खबर आ रही है कि आदित्य ठाकरे की इन होर्डिंग को हटा दिया गया है.
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बता दें, ये खबर ऐसे समय में सामने आई है जब गुरुवार को शिवसेना की विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया. दरअसल इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि आदित्य ठाकरे को ही विधायक दल का नेता चुना जा सकता है लेकिन इन अटकलों पर ब्रेक तब लगा जब खुद आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे का नाम विधायक दल के नेता के रूप में सुझाया और उसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद एकनाथ शिंदे, आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई, अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे. राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, सरकार गठन में देरी अच्छी नहीं है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की बीजेपी से कोई बातचीत नहीं हुई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके पिता व सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार के गठन पर अंतिम फैसला लेंगे.
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आदित्य ठाकरे, राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने 'किसानों के मुद्दों पर चर्चा की.' महाराष्ट्र में इस बार बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीट मिली है. बीजेप शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं. संजय राउत और शरद पवार की मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दे सकती है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना से चल रही खींचतान के बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने दावा किया था कि शिवसेना के 45 विधायक उनके संपर्क में हैं. बीजेपी सांसद संजय काकड़े के इस बयान से राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई. हालांकि कुछ जानकार इसे बीजेपी की ओर से प्रेशर पॉलिटिक्स करार दे रहे हैं. इस बार शिवसेना के 56 विधायक चुनकर आए हैं.