दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सामने ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA)का विरोध करने वाले एक युवक को भीड़ ने पीट दिया. दिल्ली के बाबरपुर में अमित शाह रविवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान एक युवक सीएए को वापस करने की मांग करने लगा तो आसपास मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया. इस बीच शाह ने सुरक्षा कर्मियों को कहा कि सिक्योरिटी उसे सही सलामत ले जाए.
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अमित शाह की सभा में लगभग 5 लड़कों ने सीएए वापस के नारे लगाए. इस पर अमित शाह ने उन्हें मंच से बाहर के जाने को कहा. इसके बाद लोगों ने एक लड़के को रैली में मरना शुरू कर दिया. फिर अमित शाह ने भाषण रोककर सुरक्षा में तैनात पुलिस को उस लड़के को ले जाने के लिए बोला.
देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली के बाबरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी जी CAA लेकर आएं, तो राहुल बाबा, केजरीवाल एंड कंपनी इसका विरोध कर रही हैं. दिल्ली में दंगे कराएं, लोगों को उकसाया, भड़काया, गुमराह किया, बसें जला दीं, लोगों की गाड़ियां जला दीं. ये लोग फिर से आएं तो दिल्ली सुरक्षित नहीं रह सकती है.
अमित शाह ने कहा कि भारत माता की ऐसा जय बोलो की शाहीन बाग के समर्थक तक आवाज जाए. आपका एक वोट हजारों शाहीनबाग जैसी घटनाओं को रोकेगा. केजरीवाल जैसे मुख्यमंत्री बने तो पहला हस्ताक्षर सरकारी बंगला और गाड़ी के लिए किया. केजरीवाल ने कहा कि जमुना जी को साफ कर देंगे, कैसे नदी साफ होती है जाकर योगी से पूछे और संगम देख ले. मोदी ने एक झटके में कॉलोनियों को वैध कर दिया.
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गृह मंत्री ने मोदी और केंद्र सरकार के कार्यों को ही बताते हुए कहा कि केजरीवाल ने आयुष्मान भारत योजना को इसलिए नहीं लागू किया कि इससे बीजेपी को वोट मिल जाएगा. देश ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया. उसके पहले सोनिया और मनमोहन की सरकार थी तो पाकिस्तानी ऐसे आते थे जैसे बगीचे में आते हो. शाह ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया. कहा- तत्काल मंदिर का निर्माण होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस और आप के वकील खड़े हो जाते थे, लेकिन अब आपको वादा करता हूं कि चार महीने में आसमान छूने वाला मंदिर बनेगा.
शाह ने आगे कहा कि जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 डाल गए थे, लेकिन मोदी को जैसे ही राज्यसभा ने बहुमत मिला तो उन्होंने खत्म कर दिया. नारा लगवाया सारा कश्मीर हमारा है. आज कश्मीर में शान से तीरंग लहराया. कोर्ट परमिशन मांग रहा है कि केजरवाल ने गद्दार के खिलाफ केस चलाने की परमिशन क्यों नहीं दी. 5 साल पहले केजरीवाल दिल्ली सरकार में आए थे, तब जो वादे किए थे, वो वादे अब ये याद ही नहीं करना चाहते. वादा किया था कि जन लोकपाल लाएंगे. ये अन्ना जी के साथ धरने पर बैठे, उनके आंदोलन की मलाई खा गए, मुख्यमंत्री बन गए और जन लोकपाल की जगह, एक कमजोर लोकपाल ले आए.