केरल कांग्रेस के पैतरे अब वामपंथियों पर काम नहीं आएंगे

कोट्टायम में पाला से जोस के मणि की शॉकिंग हार हुई, जबकि 1967 से वो उनके पिता का गढ़ था.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Congress

एक हारजीत के साथ बदल जाते हैं राजनीतिक समीकरण.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

वे दिन गए जब केरल कांग्रेस (एम) कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ में तीसरे सबसे बड़े सहयोगी के रूप में थी, वर्तमान सत्ताधारी सीपीआई एम के नेतृत्व वाली लेफ्ट के लिए कांग्रेस अपनी आर्म ट्विस्टिंग वाली रणनीति से परेशान हो सकती है. लंबे समय तक के.एम. मणि ने यूडीएफ के साथ उनके कद के आधार पर काम किया जिस तरह से वह चाहते थे, क्यूंकि वो अस्सी के दशक में यूडीएफ के संस्थापकों में से एक थे. 2019 में उनकी मृत्यु के बाद पार्टी ने उनके बेटे जोस के मानी के नेतृत्व वाले गुट के साथ बंटवारे के बाद पिछले साल सत्तारूढ़ एलडीएफ को पार कर लिया. कई लोगों ने सोचा जब उन्हें 6 अप्रैल के विधानसभा चुनाव में 13 सीट पर लड़ने के बाद उनकी स्थिति पहले जैसे ही रहेगी.

कोट्टायम में पाला से जोस के मणि की शॉकिंग हार हुई, जबकि 1967 से वो उनके पिता का गढ़ था. हालांकि, पांच केसी (एम) के चुनाव जीतने के बावजूद, दो कैबिनेट मंत्रियों की उनकी पहली मांग को सभी प्रचलित मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने खारिज कर दिया. उनके साथ बातचीत के अंत में, विजयन ने कमोबेश उन्हें मुख्य सचेतक पद देने पर सहमति व्यक्त की, जो कि कैबिनेट की स्थिति के साथ आता है.

हालांकि जोस अब एक प्रमुख पोर्टफोलियो के लिए सौदेबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं और वह राजस्व पोर्टफोलियो प्राप्त करना चाहते है जो उसके पिता के पास था और इस सत्ता में वाम दलों के साथ ऐसा होने की संभावना नहीं है. यह आमतौर पर सीपीआई द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो वामपंथियों का दूसरा सबसे बड़ा सहयोगी है. सीपीआई पहले ही जोस के वामपंथ में आने से नाराज है, क्योंकि उन्हें कोट्टायम जिले की दो सीटों से हाथ धोना पड़ा था.

जब जोस की मांग सामने आई तो भाकपा के सचिव कनम राजेंद्रन ने कहा कि वे किसी भी हालत में राजस्व विभाग को नहीं छोड़ेंगे. सीपीआईएम अब बिजली विभाग देने की योजना बना रही है और इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग को भी देने की बात चल रही है. संयोग से इन दोनों विभागों को निवर्तमान विजयन कैबिनेट में सीपीआई एम के दो अलग अलग मंत्रियों ने संभाला हुआ है.

नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया आलोचक ने कहा कि अब तक जोस को यह पता चल गया होगा कि वामपंथी यूडीएफ की तरह नहीं है, खासकर विजयन के मामलों में. अब सभी की निगाहें जोस पर हैं कि क्या वह एक मंत्री के लिए समझौता करेंगे, क्या वह राज्यसभा सीट वापस पाने की कोशिश करेंगे? कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को छोड़ने के बाद 2009 के बाद यह पहला मौका है जब उनके पास कोई पद नहीं है.

HIGHLIGHTS

  • केरल कांग्रेस एम की राजनीतिक स्थिति कमजोर
  • जोस सीएम विजयन से मोलतोल वाली स्थिति में नहीं
  • कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद पहली बार पद नहीं
congress kerala कांग्रेस केरल P Vijayan Congress M Arm twisting कांग्रेस एम पी विजयन मोलतोल
Advertisment
Advertisment
Advertisment