Assam Election: रिपुन बोरा कौन हैं, कांग्रेस ने यहां से दी टिकट

कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा (Ripun Bora) को गोहपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. बोरा ने विश्वास जताया कि कांग्रेस नीत गठबंधन बीजेपी की सरकार को राज्य की सत्ता से बेदखल कर देगा और अगली सरकार का गठन करेगा.

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Karm Raj Mishra
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Ripun Bora

Ripun Bora( Photo Credit : News Nation)

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असम (Assam) में इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. बीजेपी (BJP) जहां एक बार फिर से सरकार बनाने की पूरी कोशिश कर रही है, तो वहीं कांग्रेस (Congress) एक बार फिर से सत्ता छीनने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. बीजेपी (BJP) नेता इस चुनाव में विकास की कहानी सुना रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस नेता नागरिकता कानून, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और नोटबंदी पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. असम में अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी है और कांग्रेस इस आबादी के सहारे एक बार फिर से सरकार में बैठने की कोशिश कर रही है. इन परिस्थितियों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा के लिए चुनाव काफी अहम है. 

कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा (Ripun Bora) को गोहपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. बोरा ने विश्वास जताया कि कांग्रेस नीत गठबंधन बीजेपी की सरकार को राज्य की सत्ता से बेदखल कर देगा और अगली सरकार का गठन करेगा. बोरा ने कहा कि अजमल तीन बार लोकसभा सदस्य रहे हैं और लोगों ने उनके काम और राजनीति को वर्षों से देखा है.

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राष्ट्रगान में बदलाव की मांग की थी

1 अक्टूबर 1955 को जन्में रिपुन बोरा मौजूदा समय में राज्यसभा सदस्य हैं. रिपुन बोरा कांग्रेस नेता पंकज बोरा के बेटे हैं. पिता की तरह रिपुन ने भी राजनीति में आने का फैसला किया और कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. रिपुन बोरा का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आया था जब उन्होंने राष्ट्रगान से सिंध शब्द हटाकर उसकी जगह पर उत्तर-पूर्व का नाम जोड़ने की मांग की थी. वे इसके लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल भी लेकर आए थे. उनका कहना था कि सिंध अब भारत का हिस्सा नहीं रहा इसलिए राज्यसभा में राष्ट्रगान से सिंध शब्द को हटाकर  उत्तर-पूर्व का नाम जोड़ा जाए.

CAA का जमकर विरोध किया

नागरिकता संशोधन कानून का असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने जमकर विरोध किया था. उन्होंने इसे असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट तक चले गए थे. उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी सरकार कितनी भी ताकत का इस्तेमाल कर ले, असम के लोग इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे. यह कानून असम एवं पूर्वोत्तर की संस्कृति को खत्म कर देगा. 

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राहुल को अध्यक्ष बनाने की पैरवी की

रिपुन बोरा अक्सर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की पैरवी करते रहते हैं. वे कहते हैं कि राहुल में काबिलियत है कि वे पार्टी को मजबूत कर सकते हैं. उन्होंने हाल ही में एक बार फिर से राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि मैं शुरू से ही अपनी आवाज उठाता रहा हूं कि राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व संभालना चाहिए.' उन्होंने कहा कि कई बैठकों में और पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के एक जूम कांफ्रेंस के दौरान भी, मैंने कई बार यह बात कही कि केवल वह(राहुल गांधी) ही कांग्रेस अध्यक्ष हो सकते हैं.

असम में वोटरों की संख्या

चुनाव आयोग के मुताबिक असम विधान सभा चुनाव के लिए इस बार 2 करोड़ 31 लाख 86 हजार 362 मतदाता वोट करेंगे. इनमें से 1 करोड़ 17 लाख 42 हजार 661 पुरुष और 1 करोड़ 14 लाख 43 हजार 259 महिला और 442 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार चुनाव आयोग ने मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया है.

कितने चरणों में चुनाव

असम में तीन चरणों में चुनाव संपन्न होने हैं. 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होगी. तो वहीं 1 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. तीसरा और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है. कोरोना वायरस के चलते इस साल असम में कुल 33 हजार 530 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. जो 2016 के चुनाव से 34.71 बढ़ाए गए हैं.

HIGHLIGHTS

  • रिपुन बोरा को कांग्रेस ने गोहपुर से टिकट दिया
  • कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष हैं रिपुन बोरा
  • रिपुन बोरा ने सरकार बनाने का दावा किया
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