असम (Assam) में इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. बीजेपी (BJP) एक बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस (Congress) फिर से सत्ता छीनने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. बीजेपी नेता इस चुनाव में विकास की कहानी सुना रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस नेता नागरिकता कानून, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और नोटबंदी पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. इस बार असम में तीन चरणों में चुनाव होगा, और इसका आगाज 27 मार्च से हो जाएगा. 27 मार्च को पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. चुनाव से पहले कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे, तो वहीं बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता राम प्रसाद शर्मा (Ram Prasad Sharma) ने कांग्रेस (Congress) का हाथ थाम लिया था. इसलिए राम प्रसाद शर्मा (Ram Prasad Sharma) के लिए ये चुनाव काफी अहम हो गया है.
राजनीतिक करियर
राम प्रसाद शर्मा का जन्म 14 फरवरी 1955 को असम के सोनितपुर जिले में हुआ था. वे एक राजनेता के अलावा बड़े वकील भी हैं, और गौहती उच्च न्यायालय में वकालत करते हैं. शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस संगठन के साथ की. इसके बाद वे विहिप के साथ भी जुड़े, राम मंदिर आंदोलन में राम प्रसाद शर्मा ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. आरएसएस कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करके राजनीति में एंट्री ली.
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भारतीय जनता पार्टी से सांसद भी रह चुके हैं. अपने राजनीतिक जीवन में वे अब तक कई अहम पदों पर जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं. साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उनको तेजपुर सीट से टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. साल 2014 में ही उनको उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत सलाहकार समिति के सदस्य बनाया गया. इसके अलावा अधीनस्थ कानून पर समिति के सदस्य भी रह चुके हैं.
बारचल्ला सीट से मिला टिकट
साल 2019 में उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि मैंने आज भाजपा छोड़ दी. मैं असम के उन पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए दुख महसूस करता हूं जिन्हें नए घुसपैठियों के कारण नजरअंदाज किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार उन्हें बारचल्ला सीट से टिकट दिया है.
चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा
चुनाव से पहले राम प्रसाद शर्मा ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया. बीजेपी में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के नेता शामिल हो रहे थे, उससे नाराज होकर शर्मा ने बीजेपी से त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने बीजेपी पार्टी में नए घुसपैठियों के आने का आरोप लगाया. वहीं बीजेपी ने कहा था कि उनकी बेटी को एपीएससी नौकरी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. जिसके कारण पार्टी ने उनको लोकसभा का टिकट देने से इंकार कर दिया था. जिस कारण से उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है.
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घोड़े पर पहुंचे थे संसद
दिल्ली में केजरीवाल सरकार की ऑड-इवन योजना को लागू किया था, तो बीजेपी ने उसका विरोध किया था. ऑड-इवन के खिलाफ तत्कालीन बीजेपी सांसद राम प्रसाद शर्मा घोड़े पर सवार होकर संसद पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने एक तख्ती ले रखी थी, जिस पर लिखा था 'प्रदूषण मुक्त वाहन.'
असम में वोटरों की संख्या
चुनाव आयोग के मुताबिक असम विधान सभा चुनाव के लिए इस बार 2 करोड़ 31 लाख 86 हजार 362 मतदाता वोट करेंगे. इनमें से 1 करोड़ 17 लाख 42 हजार 661 पुरुष और 1 करोड़ 14 लाख 43 हजार 259 महिला और 442 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार चुनाव आयोग ने मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया है.
कितने चरणों में चुनाव
असम में तीन चरणों में चुनाव संपन्न होने हैं. 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होगी. तो वहीं 1 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. तीसरा और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है. कोरोना वायरस के चलते इस साल असम में कुल 33 हजार 530 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. जो 2016 के चुनाव से 34.71 बढ़ाए गए हैं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए
- तीन चरणों में संपन्न होंगे चुनाव
- 2 मई को आएगा रिजल्ट