असम में 126 विधानसभा सीटों के लिए के लिए तीन चरणों में मतदान किए जाने हैं. सभी पार्टियों ने यहां चुनाव प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है. बीजेपी इस चुनाव में फिर से सरकार बनाने का कर रही है, तो वहीं कांग्रेस वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. 5 साल सरकार चलाने के बाद भी बीजेपी ने इस चुनाव में सर्बानंद सोनोवाल को सीएम उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतारा है. ऐसे में चर्चा है कि बीजेपी का आगामी मुख्यमंत्री कौन हो सकता है, तो 2-3 नाम सामने आते हैं. इनमें से एक नाम है रंजीत कुमार दास. पार्टी ने इस बार उन्हें पटाछारकुछी सीट से मैदान में उतारा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण रंजीत कुमार दास के लिए चुनौती काफी बढ़ जाती हैं.
शुरुआती सफर
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने जारी किया असम चुनाव के लिए घोषणा पत्र, कांग्रेस ने किया ये वादा
1 दिसंबर 1965 को जन्में रंजीत कुमार दास (Ranjit Kumar Das) राजनेता से पहले वे एक पत्रकार थे. उन्होंने बारपेटा स्थित बीबीके कॉलेज से Botany में M.Sc. किया. इसके अलावा गुवाहटी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया. साल 1991 में द असम ट्रिब्यून के संवाददाता के रूप में अपना करियर की शुरुआत की. बाद में उन्होंने भारतीय सूचना सेवा का एगजाम क्लीयर किया और I&B ministry के साथ काम किया.
राजनीतिक करियर
साल 1992 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी. और 2011 में बारपेटा जिले के सोरभोग से विधान सभा सदस्य चुने गए. 2011 से 2016 तक वे असम विधानसभा में बीजेपी के उप नेता थे. सोनोवाल सरकार में जून 2016 को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. 30 जनवरी 2017 को बीजेपी ने उन्हें असम की जिम्मेजारी देते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित किया. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि वे असम विधानसभा के 19वें अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने राज्य में पार्टी के विस्तार के लिए काफी काम किया है.
ये भी पढ़ें- असम चुनाव: शिवराज का राहुल पर हमला, कहा-जिन्ना के रास्ते पर चल रहे हैं
फिर से सरकार बनाने का दावा किया
रंजीत कुमार दास ने कहा कि इस बार का चुनाव 2016 की स्थिति के विपरीत है. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए बीजेपी के एक भी कार्यकर्ता ने यह नहीं पूछा है केवल मीडिया ही इसके बारे में पूछ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के समय संसदीय बोर्ड इस मुद्दे पर विस्तृत रूप से फैसला लेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह सीएम के रूप में खुद को देखते हैं तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दौड़ में मैं नहीं हूं.
बता दें कि असम में 126 विधानसभा सीटे हैं. यहां तीन चरणों में मतदान किए जाएंगे. पहले चरण का मतदान 27 मार्च, दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल और तीसरे चरण का मतदान छह अप्रैल को किया जाएगा. 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- राजनेता से पहले पत्रकार थे रंजीत कुमार दास
- 1992 में ज्वाइन की थी बीजेपी
- असम विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके