असम में इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस फिर से सत्ता छीनने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. बीजेपी नेता इस चुनाव में विकास की कहानी सुना रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस नेता नागरिकता कानून, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और नोटबंदी पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. इस बार असम में तीन चरणों में चुनाव होगा, और इसका आगाज 27 मार्च से हो जाएगा. 27 मार्च को पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. चुनाव से पहले कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे, इसलिए ये चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम हो गया है.
कांग्रेस पार्टी ने अपने सबसे दिग्गज नेता देवब्रत सैकिया को एक बार फिर से नजीरा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. सैकिया 2016 के चुनाव में भी इसी सीट से चुनाव लड़े थे. 2016 चुनाव में वे बीजेपी के प्रहलाद गोवाला को 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचे थे. पार्टी ने उनको इतनी बड़ी जीत का तोहफा देते हुए उन्हें विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बना दिया था.
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राजनीतिक सफर
14 दिसंबर 1964 को नजीरा विधानसभा क्षेत्र में जन्में सैकिया छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे. सैकिया साल 1992-93 में असम प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने और प्रदेश में पार्टी का विस्तार करने के लिए स्व-नियोजित समीक्षा समिति की स्थापना की. वे 1993 से 1996 तक असम प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस ने साल 1994 में उन्हें विचार विभाग का राज्य संयोजक नियुक्त किया था. उन्होंने 1995-96 में उत्तर पूर्व कांग्रेस सेवा दल के संयोजक के रूप में भी कार्य किया है. वे पहली बार साल 2011 में नजीरा विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने.
साल 2016 के चुनाव में बीजेपी लहर के बावजूद सैकिया अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. उन्होंने 2016 में एक बार फिर से नजीरा सीट से चुनाव जीता और 14 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी उम्मीदवार को पटखनी दी. हालांकि सैकिया की पार्टी बहुमत नहीं पा सकी, लेकिन इसके बाद भी सैकिया बड़े राजनेता बनकर उभरे. उनके जीत के अंतर को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी.
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असम में वोटरों की संख्या
चुनाव आयोग के मुताबिक असम विधान सभा चुनाव के लिए इस बार 2 करोड़ 31 लाख 86 हजार 362 मतदाता वोट करेंगे. इनमें से 1 करोड़ 17 लाख 42 हजार 661 पुरुष और 1 करोड़ 14 लाख 43 हजार 259 महिला और 442 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार चुनाव आयोग ने मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया है.
कितने चरणों में चुनाव
असम में तीन चरणों में चुनाव संपन्न होने हैं. 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होगी. तो वहीं 1 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. तीसरा और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है. कोरोना वायरस के चलते इस साल असम में कुल 33 हजार 530 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. जो 2016 के चुनाव से 34.71 बढ़ाए गए हैं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी लहर में भी दर्ज की थी जबरदस्त जीत
- 2016 चुनाव में 14 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे
- असम प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं