असम विधानसभा चुनाव 2021 (Assam Assembly Elections 2021) में बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने जलुकबारी सीट से जीत हासिल कर ली हैं. इस सीट से वो 5वीं बार जीते हैं. उन्होंने 1,01,911 मतों से जीत दर्ज की है. उनका मुकाबला कांग्रेस के रोमेन चंद्रा बोरठाकुर से था. वहीं पटाचरकुची विधानसभा सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास सहित भाजपा के सभी महत्वपूर्ण उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों से आगे चल रहे हैं. बता दें कि जोरहाट में पैदा हुए हेमंत बिस्व शर्मा ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. साल 2001 से 2015 तक जालुकबारी विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कांग्रेस का दबदबा कायम रखा. 15 साल तक वे इस सीट से विधायक रह चुके हैं.
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साल 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके बावजूद कांग्रेस से उन्हें तवज्जो नहीं मिली. साल 2016 असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. इस कामयाबी के पीछे सीएम सर्बानंद सोनोवाल के अलावा हेमंत बिस्वा सरमा का भी रोल था. दरअसल हेमंत उस वक्त कांग्रेस में थे, और चुनाव से पहले उन्होंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हर बार राहुल से मिलने से रोका गया. इसके बाद वे नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो गए.
कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि मैंने राहुल से 8-9 बार बात करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनने से ज्यादा अपने कुत्तों के साथ खेलना बेहतर समझा. अपने आसपास मौजूद लोगों की बात सुनने से ज्यादा वे कुत्तों के साथ खेलने में बिजी रहते हैं. वहीं तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनकी एक कॉल पर उनको मिलने के लिए समय दे दिया था. बीजेपी में हेमंत की एंट्री के साथ ही असम में पार्टी को दो मजबूत नेता मिले. एक सर्बानंद सोनोवाल, दूसरे हेमंत बिस्वा. सोनोवाल की अगुआई में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को असम में अच्छा रिस्पॉन्स मिला. तो हेमंत के पार्टी में आने से असम में संगठन और मजबूत हो गया और बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था.