कुछ राज्य सरकार के खिलाफ जनता के पैसे का उपयोग कर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का प्रचार करने की शिकायतों के मद्देनजर, एक सर्वोच्च न्यायालय-शासित सामग्री विनियमन पैनल ने कहा कि वह चाहता है कि राज्य सरकारी प्रचार के लिए सामग्री नियामक की स्थापना करे। अगर राज्य अपने स्वयं के पैनल का गठन करने के इच्छुक नहीं हैं, तो वे केंद्र द्वारा गठित तीन-सदस्यीय सामग्री विनियमन समिति के हवाले यह कर सकते हैं।
यह कदम काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली अगले महीने चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है।
यह शिकायत अतीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व राजस्थान के पूर्व सरकार के खिलाफ प्राप्त हुई है और तीन सदस्यीय सेंट्रल पैनल ने सूचना व प्रसारण मंत्रालय से राज्यों से जल्द से जल्द सामग्री नियामकों की स्थापना करने को कहा है.
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बता दें कि दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने है जिसके लिए सभी पार्टियां चुनावी मैदान में रस्साकशी करती दिख रही हैं.