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बंगाल चुनाव : सोशल मीडिया पर मतदाताओं को लुभाने में जुटे राजनीतिक दल

आक्रामक सोशल मीडिया अभियानों के महत्व को समझते हुए, तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति को बढ़ावा देने के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नियुक्त किया है.

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Shailendra Kumar
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Vernacular campaigns heat up social media wars during Bengal poll

सोशल मीडिया पर मतदाताओं को लुभाने में जुटे राजनीतिक दल( Photo Credit : IANS)

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कोविड प्रोटोकॉल और राजनीतिक रैलियों एवं कैंपेन पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच अब राजनीतिक दल खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल लिया है. दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए जमीनी स्तर से लेकर सोशल मीडिया पर भी पूरी ताकत झोंक रखी है.
सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच मजबूती से अपनी बात रखने के लिए केवल भाजपा या तृणमूल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि सीपीआई-एम और कांग्रेस भी पूरा जोर लगा रही हैं. पार्टियों ने अपने शीर्ष नेताओं के माध्यम से डिजिटल दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए नए-नए विचार रखे हैं.

सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस की संस्थापक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी एक्टिव हैं. वह पहले से ही न केवल फेसबुक और ट्विटर की नियमित यूजर रहीं हैं, बल्कि यहां वह सबसे लोकप्रिय चेहरा भी हैं. बनर्जी के फेसबुक पेज को लगभग 16 लाख लोगों ने लाइक कर रखा है और उनके ट्विटर हैंडल पर 52 लाख फॉलोअर्स हैं. हालांकि बंगाल में भाजपा नेता इस मामले में बनर्जी से काफी पीछे हैं. भाजपा के राज्य प्रमुख दिलीप घोष के जहां 2.72 लाख फॉलोअर्स हैं, वहीं सुवेंदु अधिकारी के पास केवल 57.8 हजार फॉलोअर्स हैं.

आक्रामक सोशल मीडिया अभियानों के महत्व को समझते हुए, तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति को बढ़ावा देने के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नियुक्त किया है और उनकी कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पार्टी के लिए अन्य अभियान भी चलाए हैं. तृणमूल ने दीदी के बोलो (दीदी को बताओ) और बांग्लार गोरबो ममता (बंगाल की गौरव ममता) जैसे कई सोशल मीडिया प्रोग्राम लॉन्च किए हैं. पार्टी ने बांग्लार गोरबो ममता के लिए एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी बनाया है.

जहां हैशटैग बांग्लार गोरबो ममता के 1.35 लाख फॉलोअर्स हैं, वहीं तृणमूल के फेसबुक पेज पर 13,23,718 फॉलोअर्स हैं. बांग्लार गोरबो ममता के फेसबुक पेज पर 27 लाख से अधिक फॉलोअर्स हो चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस ने जहां प्रशांत किशोर की नियुक्ति की है, जिन्होंने पहले 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के साथ काम किया था, वहीं अब भगवा पार्टी भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हो चुकी है. पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय और अरविंद मेनन के साथ अपने आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को राज्य के सह-प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया है.

तृणमूल का मुकाबला करने के लिए, भाजपा ने अपने स्वयं के सोशल मीडिया अभियान - आर नोई ओननेई (और अधिक अन्याय नहीं) और आर नोई ममता (ममता का कोई और शासन नहीं) लॉन्च किया है. तृणमूल की ओर से जहां मुख्य रूप से ममता सरकार द्वारा की गई कल्याणकारी योजनाओं और विकास को लेकर ट्वीट किए जा रहे हैं, वहीं अमित मालवीय ने भी बंगाल पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. अब वह ज्यादातर ममता सरकार के तहत कथित कुशासन पर प्रकाश डालते हुए ट्वीट कर रहे हैं. भाजपा ने 5 दिसंबर को सोशल मीडिया अभियान आर नोई अन्नाय लॉन्च किया था और चुनाव खत्म होने से पहले एक करोड़ लोगों तक पहुंचने की उम्मीद भी जताई थी.

HIGHLIGHTS

  • कोविड प्रोटोकॉल और राजनीतिक रैलियों एवं कैंपेन पर प्रतिबंध
  • भाजपा और टीएमसी ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल लिया है
  • दोनों पार्टियों ने सोशल मीडिया पर भी पूरी ताकत झोंक रखी है
Political Parties बंगाल चुनाव पश्चिम बंगाल चुनाव Bengal Election Wset Bengal Election voters on social media
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